आज इस कोर्स मे श्रीकृष्ण का रहे हैं–यज्ञ के द्वारा तुम देवत्व को आगे बढ़ाओ और देवत्व तुमको आगे बढ़ाएंगे।
अब यह देवत्व क्या चीज है?
क्या देव का वस्तविक अर्थ हम जानते हैं?
क्या देवता वह हैं जो आकाश में रहते हैं?
आगे बढ़ने या वृद्धि का क्या अर्थ है?
क्या यज्ञ यानी लकड़ी जलाने से हम शुद्ध हो सकते हैं?
वेदांत को जीवन में लाने से फायदा यह होता है कि उथली परिभाषाएंँ जीवन में नहीं बचती। जैसे वह तो तत्पर ही थीं कि आप उनकी यज्ञ में आहुति दे दें। मनुष्य अकेला है जिसकी चेतना कुछ विशेष मांगती है और वो विशेषता है निष्काम कर्म। तुम उसको शक्ति दो जो तुम्हारे भीतर उच्च कोटि का है और अग्नि को उसके हवाले कर दो जो निकृष्ट है। याद रहे देवता आपसे बाहर कि कोई शक्ति नहीं हैं। देवत्व हुआ अहं का आत्मा कि ओर झुकने का संकल्प। सत्य मुखी होना ही देवत्व हुआ।
Can’t find the answer you’re looking for? Reach out to our support team.