भाई! यह काम कर ले इसमें तो बहुत पैसा है।
भाई! देख इस नौकरी में पैसा और शोहरत दोनों मिलेगी और ताकत तो पूछो मत।
जीवन में करें क्या से पहले यह नहीं पूछीएगा कि हर काम को करने के पीछे आपका उद्देश क्या है?
अगर उद्देश ही गड़बड़ हो तो क्या सार्थक काम हो सकता है?
हाँ, ठीक है, हम जीवन में काम करेंगें, जीवन अपनी गति से बढ़ेगा, पर इस कारण नहीं बढ़ेगा कि हम हीनभावना में जिएँ। अपनी हीनता से हम इंकार करते हैं। हम पढ़ेंगे, मगर इसलिए नहीं कि पढ़-लिखकर वो डिग्री हमें कुछ ख़ास दे देगी। हम बेशक़ पढ़ेंगे, मगर पढ़ने के लिए ही पढ़ेंगे; इसलिए नहीं पढ़ेंगे कि जब पढ़-लिखकर जब वो डिग्री हो जाएगी और हम दुनिया को दिखाएँगे तो उससे हमें कुछ मान मिल जाएगा ।
हाँ, ठीक है, हम काम भी करेंगे, पर काम इसलिए करेंगे क्योंकि उसमें मौज है हमारी। काम इसलिए नहीं करेंगे कि दुनिया वाह-वाही कर रही है, काम इसलिए नहीं करेंगे कि जाकर फर्नीचर खरीद लाएँगे, काम इसलिए नहीं करेंगे कि नौकरी अच्छी होगी तो शादी अच्छी हो जाएगी।
क्या कुछ बात बन पा रही है? और गहराई से समझेंगे अपने डर को इस कोर्स के संग।
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