🔱 पशु पर क्रूरता, शिव की उपेक्षा 🔱
🕉 शिव जी की साकार प्रतिमा को अगर आप ध्यान से देखेंगे तो पाएँगे कि—
🟢 गले में साँप है।
🟢 जटा से गंगा बह रही है।
🟢 माथे पर चाँद धारण किया है।
🟢 नंदी बैल, जो उनका वाहन है, उनके साथ ही बैठा है।
🟢 पहाड़ों पर जाकर बसे हैं।
क्या आप शिव की कल्पना प्रकृति के बिना कर सकते हैं? प्रकृति और शिव अनन्य हैं। महादेव का एक और नाम पशुपति भी है। उन्हें सभी पशु बहुत प्रिय हैं।
🔹 अगर नहीं समझेंगे कि प्रकृति से कैसा रिश्ता रखना है, तो शिवत्व से कैसे रिश्ता रख पाएंगे?
अब अपने आस-पास देखिए — 🌍 हवा और पानी में घुलता ज़हर, कटते जंगल और पशु, लोगों में बढ़ता हुआ मानसिक विकार और भोग के लिए आतुर इंसान...
और सोचिए:
❗ पशुओं और प्रकृति का इतना शोषण करेंगे तो पशुपति तक कैसे पहुँचेंगे?
अगर नहीं समझेंगे कि प्रकृति से कैसा रिश्ता रखना है, तो शिवत्व से कैसे रिश्ता रख पाएँगे?
🎥 इस वीडियो सीरीज़ में आप
📌 पशुपति और पशुओं के संबंध को और गहराई से जान पाएँगे।
📌 केदारनाथ की पहाड़ियों पर आचार्य जी के साथ कुछ जिज्ञासु छात्रों की तीर्थस्थल पर बढ़ रहे भोगवाद और पशुओं पर हो रहे अत्याचार पर हुई मार्मिक चर्चा देख पाएँगे।
📌 उसी मार्मिक चर्चा का एक दुर्लभ वीडियो इस सीरीज़ में पाएँगे।
🔥 देखिए, समझिए और शिवत्व से वास्तविक रूप से जुड़िए।
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