भरोसे से आप क्या समझते हैं? भरोसे का यही मतलब होता है कि इस व्यक्ति के साथ या इस स्थिति में या इस वस्तु के साथ मुझे पुनर्विचार नहीं करना पड़ेगा। मैं आश्वस्त हो गया, मेरी खोज का अंत हो गया। भरोसा ऐसा है जैसे कोई बोले कि मुझे आख़िरी चीज़ मिल गयी है, सत्य मिल गया है।
भरोसे की ज़रुरत है किसलिए? लोग कैसे भी हो सकते हैं, उनको तुमने इतनी ताक़त क्यों दे दी कि उनसे तुम्हें डरना पड़े या उनसे माँग रखनी पड़े या उनको लेकर के कई तरीके के हिसाब-किताब गणित करने पड़ें?
कौन सी बात भरोसे की हो सकती है? एक बात भरोसे की हो सकती है — बाहर-बाहर जो कुछ चल रहा हो, हम अब ऐसे हो गए हैं कि हमें बहुत फ़र्क नहीं पड़ता। सिर्फ़ इस बात पर भरोसा कर सकते हो तुम। इसी बात पर भरोसा करना सीखो।
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