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योगवासिष्ठ सार + हे राम!
दो पुस्तकों का कॉम्बो
Book Cover
Paperback
In Stock
74% Off
₹279
₹1100
Quantity:
1
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Book Details
Language
hindi
Print Length
426
Description
हिन्दू धर्म में 'राम' शब्द जितना प्रचलित है उतना कोई और नहीं। पर वास्तविक राम को हमने न कभी जाना है, न जानने का प्रयास किया है। राम देहधारी भी हैं और देह के पार के भी; एक राम अयोध्या के राजकुमार हैं, मर्यादा पुरुषोत्तम हैं तो दूजे राम इन सबसे न्यारे हैं। आप राम के दोनों रूपों से परिचित हो सकें इसलिए आचार्य प्रशांत फाउंडेशन आपके लिए दो पुस्तकों का युग्म लायी है — 'हे राम!' और 'योगवासिष्ठ सार'। 'हे राम!' आपको तुलसी के उस राम से मिलवाएगी जो हमारे जैसे ही हैं पर फिर भी हमसे अलग हैं। यह राम के भक्ति पक्ष को प्रस्तुत करती है। 'योगवासिष्ठ सार' आपको उस दर्शन और तत्वज्ञान से परिचित कराएगी जो युवा राम ने अपने गुरु वासिष्ठ से ग्रहण की थी और जिसके बूते युवा राम 'भगवान राम' बने। यह पुस्तक राम के ज्ञान पक्ष पर आधारित है।