कठोपनिषद् तेरह प्रमुख उपनिषदों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण उपनिषद् है। यह उपनिषद् हमारी वो कहानी कहता है जो प्रतिदिन घटती है। बालक नचिकेता के मृत्यु से किये गए सरल सवालों में जीवन के अनदेखे पक्ष सामने आते हैं।
"क्या वाक़ई कोई मृत्यु के देवता होते हैं?"
"एक आम व्यक्ति के लिए यमराज का क्या अर्थ है?"
"नचिकेता के वो तीन प्रश्न कौन से थे जिनसे यमराज भी प्रसन्न हुए?"
इन सारे प्रश्नों की आचार्य जी ने 'कठोपनिषद्' पुस्तक में बड़ी रोचक और मनोतीत व्याख्या की है। यह पुस्तक संस्था द्वारा आपके भीतर बैठे नचिकेता के लिए एक प्रेमपूर्ण उपहार है।
Index
1. नचिकेता की पात्रता और सत्य के प्रति असीम प्रेम2. यमराज किसके प्रतीक हैं? मौत का वास्तविक अर्थ क्या?3. आत्मा का वास्तविक अर्थ और हमारे जीवन में महत्व क्या है?4. परमात्मा की रज़ामंदी तुम्हारी रज़ामंदी में है5. असली साधक की क्या पहचान?6. जिसे भरम उसे भरम, जिसे परम उसे परम (श्लोक 1.2.12)