ये होंठ कैसे सूजा? || नीम लड्डू

Acharya Prashant

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ये होंठ कैसे सूजा? || नीम लड्डू

आजकल चलती है ‘*पाउटिंग*’!

डैडी डार्लिंग यूँ थुथुन निकालेंगे – पाऊट माने थुथुन, जैसे सुअर का होता है – तो डैडी डार्लिंग यूँ निकालेंगे और कैटी डार्लिंग निकालेंगी, “ऊँ!” और कैटी डार्लिंग अभी हैं कुल डेढ़ साल की, और फिर दोनों थुथुन से थुथुन मिलाएँगे।

और कांटेस्ट (प्रतिस्पर्धा) होगा! “*हू हैज़ द बेस्ट पाऊट*”? (सबसे अच्चा थूथुन किसका है?)

आजकल आप सीधे बैठकर अपनी तस्वीर खिंचा दें तो कहा जाएगा कि "यू हैव सम प्रॉब्लम इन योर फेसिअल कॉनटॉर। डिस माउथ कैविटी मस्ट हैव सम कॉन्वेक्सिटी टू इट " (आपके मुँह कि रूप-रेखा में कुछ गड़बड़ है। यह मुँह में जो छिद्र है इसको सदा बहिर्गामी होना चाहिए।) अर्थात मुँह में जो छिद्र है इसको सदा बहिर्गामी होना चाहिए।

लोगों के पासपोर्ट रद्द हो जाते हैं, एयरपोर्ट पर रोक दिए जाते हैं, क्यों? क्योंकि मुँह है सीधा और फ़ोटो में पाऊट है। फ़ोटो तो ऐसी ही खिंचेगी, पाऊट तो होना चाहिए, और नहीं है तो वो अदाकाराएँ सिखा रही हैं न अपना होंठ मोटा करवाती हैं।

“क्या हुआ इस होंठ को? पिटी हो? मुँह सूज गया है? क्या है?”

हम तो जब छोटे थे तो हमारा मुँह तभी सूजता था जब होंठ पर कुछ पड़ जाए बढ़िया वाला…

तुम्हारा क्यों होंठ सूजता रहता है इतना?

और हर समय ये पाऊट क्यों निकला रहता है?

बीमारी है कोई?

This article has been created by volunteers of the PrashantAdvait Foundation from transcriptions of sessions by Acharya Prashant
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