ये बात कोई सुनना नहीं चाहता! || नीम लड्डू

Acharya Prashant

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ये बात कोई सुनना नहीं चाहता! || नीम लड्डू

प्रश्नकर्ता: अगर दूध का आप बहिष्कार करते हैं तो गाय की बिलकुल ही बेकद्री हो जाएगी।

आचार्य प्रशांत: ये बात पता नहीं क्यों हमारे दूध पीने वाले भाई-बहन सोचते ही नहीं बिलकुल कि जिस दिन गाय ने दूध देना बंद कर दिया उस दिन वो गाय पालने वाले के लिए, किसान के लिए वो क्या हो गयी? वो एक ज़िम्मेदारी हो गयी। कि अब तो वो दूध देगी नहीं लेकिन अभी वो जीयेगी। अभी वो कम-से-कम चार साल, छः साल और जीयेगी। तो अब उसका क्या होगा?

उसका यही होगा कि अब वो बूचड़ खाने में जाएगी, और क्या होगा उसका?

इसी तरीके से ये जो बछिया पैदा हुई है, वो तो ठीक है, वो गाय बन जाएगी। ये छोटे बछड़े का क्या होगा? उसको कौन पालेगा? उसका क्या उपयोग है? तो वो कटता है।

हमने गौ पालन छोड़ दिया तो गायें सड़कों पर आ जाएँगी – ये एकदम ही मूर्खता की बात है!

भाई वो ज़बरदस्ती पैदा किए जाते हैं, चाहे वो गाय हो, पॉल्ट्री हो, बकरा हो…वो अपने-आप थोड़े ही टपक रहे हैं आसमान से। तुम उनका शोषण करना बंद करो तो फिर उनको ये जो ज़बरदस्ती का दिया हुआ जन्म है ये भी बंद हो जाएगा।

फिर वो प्रकृति में बस उतने ही रहेंगे जितना कि प्रकृति चाहती है।

This article has been created by volunteers of the PrashantAdvait Foundation from transcriptions of sessions by Acharya Prashant
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