शादी कब और किससे करें? || नीम लड्डू

Acharya Prashant

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शादी कब और किससे करें?  || नीम लड्डू

यह एक बड़ा भ्रम कि जल्दी से शादी कर लो और शादी करने से दूसरा व्यक्ति ज़िम्मेदार हो जाएगा। जो माँ-बाप कहते हैं, “ये बड़ा उद्दण्ड है, लड्डू। गाँव भर में लुढ़कते फिरता है लड्डू। तो लड्डू को ज़िम्मेदार बनाने के लिए लड्डू की शादी कर देते हैं।” घर में आ गई बर्फ़ी, तुम्हें क्या लगता है शादी होने से लड्डू ज़िम्मेदार हो जाएगा? ज़िम्मेदारी नहीं आएगी, लड्डू है, बर्फ़ी है, फिर बूंदी आ जाएगी। जिस व्यक्ति के भीतर प्रेम नहीं तुम क्या सोच रहे हो तुम उसकी शादी कर दोगे किसी से तो वह अपने साथी के प्रति अचानक ज़िम्मेदारी और प्रेम से भर जाएगा? रिश्ता उससे बनाने की झटपट कोशिश मत करो जो शादी के लिए तैयार हो, रिश्ता उससे बनाने की कोशिश करो जिससे मन में प्रेम हो प्रकाश हो।

This article has been created by volunteers of the PrashantAdvait Foundation from transcriptions of sessions by Acharya Prashant
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