“माँसाहार गरीबों के लिए वरदान है क्योंकि माँसाहार के माध्यम से गरीबों को सस्ता प्रोटीन मिल जाता है।“ १ ग्राम प्रोटीन अगर आप मटन से लेते हैं तो लगते हैं ३ रुपये। उतना ही प्रोटीन, १ ग्राम, अगर आप अंडे से लेते हैं तो लगते हैं १ रुपय ३० पैसे, उतना ही प्रोटीन, १ ग्राम, अगर आप चिकन से लेते हैं तो लगता हैं १ रुपया।
अब आप ध्यान से सुनिए! ठीक उतना ही प्रोटीन, अगर आप दालों से लेते हैं, राजमा से लेते हैं, मूंगफली से लेते हैं तो आपके लगते हैं ३० से ४० पैसे सिर्फ़!
अब बताइए कि अगर आपको प्रोटीन चाहिए तो आपको चिकन और मटन लेना होगा या आपको दालें, राजमा और मूँगफली लेनी हैं?
जानवरों की हत्या कराने के लिए गरीबों का नाम लेकर के यह झूठे तर्क प्रचलित किए जाते हैं, सस्ता प्रोटीन दालों में मिलता है, माँस में नहीं। कृपया करके झूठ बोलना बंद करें!