परीक्षाओं में सफल होने के, चयनित होने के किसके आसार ज़्यादा हैं, एक अशांत मन के या एक शांत परीक्षार्थी के? और शांति और स्पष्टता हमेशा साथ-साथ चलते हैं।
अगर जीवन में स्पष्टता होगी, तो फिर परीक्षाओं में भी चयन होने की संभावना बढ़ जाएगी।
यह लो, आध्यात्म का व्यवहारिक लाभ।
अभी मैं पिछले साल की हाईलाइट देख रहा था जोकोविच और नडाल का मैच। फिर पता चला कि जोकोविच एक-एक घण्टा बौद्ध मंदिरों में जाकर बैठता है, चुप-चाप। जाता है, चुप-चाप बैठ जाता है, कहता है, ‘ध्यान लग जाता है, शांति हो जाती है, बैठा रहता हूँ।‘ आध्यात्म से ग्रैंड स्लैम भी जीता जाता है।
मैं नहीं कह रहा हूँ कि तुम कोर्ट छोड़कर मंदिर में बैठ जाओगे तो टेनिस का मैच जीत लोगे। दोनों चाहिए – हाथों में ताक़त चाहिए, मन में शांति चाहिए।