पाँच-छः घण्टे की नींद काफ़ी है || नीम लड्डू

Acharya Prashant

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पाँच-छः घण्टे  की नींद काफ़ी है || नीम लड्डू

तुम कह रहे हो सोने के प्रयास में एक-दो घण्टे लग जाते हैं। और यह एक-दो घण्टे तुम्हारे पास क्यों हैं? क्योंकि इन एक-दो घण्टों में तुम्हारे पास करने के लिए कोई सार्थक काम नहीं है। तो अब काम है नहीं, रात के दस बज गए, अब दस से लेकर के रात के बारह बजे तक क्या करेंगे? करवटें बदली जा रही हैं।

यह दस से बारह तक का समय खाली छोड़ क्यों रहे हो? करने के लिए कुछ क्यों नहीं है तुम्हारे पास?

जीवन को सार्थक उद्यम से इतना भर लो कि अगर शिक़ायत रहे भी तो यह – “सोने के लिए वक़्त थोड़ा कम ही मिल पाता है।“ इससे दो लाभ होंगे, पहली बात – नींद जल्दी आएगी, दूसरी बात – पाँच-छः घण्टे की नींद बहुत होगी।

This article has been created by volunteers of the PrashantAdvait Foundation from transcriptions of sessions by Acharya Prashant.
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