पढ़े-लिखे बेवकूफ़ || नीम लड्डू

Acharya Prashant

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पढ़े-लिखे बेवकूफ़  || नीम लड्डू

देखिए, एक आदमी जो बिलकुल पढ़ा-लिखा नहीं है वो प्रभावित नहीं हो जाएगा, वो इम्प्रेस्ड नहीं हो जाएगा जब आप उससे कहेंगे – रेजोनेंस , और कंस्ट्रक्टिव इंटरफेरेंस , आयोनाइजेशन , वाइब्रेशन और *स्पेक्ट्रम*। उसके लिए तो काला अक्षर भैंस बराबर है। आप ये सब बातें बोलते रहिए वो सर खुजाता रहेगा। उसे कोई फ़र्क नहीं पड़ेगा।

ये जो अर्धशिक्षित लोग हैं, ये ख़तरनाक हैं, ये बहुत जल्दी प्रभावित हो जाते हैं – दो-चार बातें विज्ञान की बोल दो, और जैसा कि मैंने कहा अंग्रेज़ी में बोल दो और अगर तुम एक्सेंट वाली अंग्रेज़ी में बोल दो फिर तो पूछो ही मत! एकदम लोटना शुरू कर देंगे आपके चरणों में, आपने जो कुछ कहा कुल वही आदि सत्य है।

मैं ज़्यादा बात उनकी कर रहा हूँ जिन्होंने बोर्ड पास किए हुए हैं, जिनके पास स्नातक, स्नातकोत्तर, ग्रैजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन सब तरह के प्रमाण पत्र हैं, जो अंग्रेज़ी भी बोलते-समझते हैं और उसके बाद भी निहायत ही जाहिल और बेवकूफ़ हैं।

This article has been created by volunteers of the PrashantAdvait Foundation from transcriptions of sessions by Acharya Prashant.
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