नए साल के दस संकल्प

Acharya Prashant

5 min
244 reads
नए साल के दस संकल्प

आचार्य प्रशांत:

  1. एक डायरी बनाओ, उसमें नियम से रोज़ रात को लिखा करो कि दिन के कितने मिनट मुक्ति के लिए बिताये। बिल्कुल साफ़ हिसाब। और उसमें लिखा करो कि कितने काम थे कि जो तुम्हें नहीं करने चाहिए थे पर प्रकृति करवा गई, ईमानदारी से। इन सारे कामों का विवरण लिखा करो। सबसे पहले लिखो कि मुक्ति के लिए कितना समय दिया। फिर लिखो कि कितने काम थे जो नहीं होने चाहिए थे पर देह करवा गयी, प्रकृति करवा गयी, मस्तिष्क करवा गया, होर्मोन्स करवा गए। ये हिसाब हर हफ्ते किसी ऐसे को दिखाओ जिसको दिखाने में खतरा हो। ये जो लिखा है इसको हफ्ते-दर-हफ्ते, नियमबद्ध किसी ऐसे को दिखाओ जिसको दिखाने में खतरा हो।
  2. अपने मासिक खर्चे में से बताओ कि अपनी मुक्ति पर कितना खर्च कर रहे हो। महीने भर में जितना भी खर्च करा, उसमें से पेट पर कितना करा, खाल पर कितना करा, गर्व पर कितना करा, मोह पर कितना करा, कामवासना पर कितना करा। और ये सब करने के बाद मुक्ति के लिए कुछ बचा, खर्च करने के लिए।
  3. समय को देख लिया, धन को देख लिया अब अपनी उपस्थिति को देखो। महीने भर में तुम्हारी जहाँ कहीं भी मौजूदगी रही, तुम्हारी मौजूदगी का कितना प्रतिशत मुक्ति के लिए रहा। तुम यहाँ भी पाए जाते हो, तुम वहाँ भी पाए जाते हो। तुम क्या किसी जगह पर अपनी मुक्ति के लिए भी पाए गए? इसमें फिर यात्रा आ जाती है। क्या तुमने अपनी मुक्ति के लिए यात्रा करी? क्योंकि यात्रा तो करते ही हो, घर से दफ़्तर तक की, दफ़्तर से बाज़ार तक की और बाज़ार से घर तक की, रिश्तेदारों के यहाँ तक की। ये भी यात्रायें ही तो हैं। तो यात्राओं में मुक्ति के लिये कौन सी यात्रा करी?
  4. प्रत्येक सप्ताह अपने लिए किसी ग्रंथ के कुछ अध्याय निर्धारित करो और डायरी में ईमानदारी से लिखो कि जितना निर्धारित किया उतना पढ़ा कि नहीं पढ़ा। जो पढ़ो उसके नोट्स उसी डायरी में बनाओ।
  5. हर महीने खाने की किसी एक चीज़ का त्याग करना है और कोई एक चीज़ भोजन में शामिल करनी है। साल के आंत में बारह चीज़ें छोड़ देनी है और बारह नई चीज़ें शामिल कर लेनीं है। चीज़ खाने के अलावा पीने की भी हो सकती है, ख़ासतौर पर छोड़ने दिशा में।

इसमें एक हिंट लिख दो। छोड़ना सिर्फ़ उन चीज़ों को ही नहीं है जो तुम्हें नुकसान देती हैं, छोड़ना उन चीज़ों को है जो पशुओं को नुकसान देती हैं।

  1. प्रतदिन दुनिया के बारे में किसी भी क्षेत्र से - इतिहास, विज्ञान, भूगोल, राजनीति, धर्म, समाजशास्त्र, खगोलशास्त्र, पुरातत्वशास्त्र, किसी भी दिशा से कोई एक ज्ञान की बात नई पता करनी है। ऑनलाइन ज्ञानकोश बहुत है। विकिपीडिया के ज़माने में ये पता करना पाँच से पंद्रह मिनट का काम होना चाहिये। बस एक कोई नयी बात पता है।
  2. किसी एक खेल में साल ख़त्म होने से पहले इतनी योग्यता हासिल कर लेनीं है कि उसे सम्मान पुर्वक किसी के साथ भी खेल सको, शारीरिक खेल की बात कर रहा हूँ।
  3. कोई एक कला विकसित करनी है। अगर वो कला की संगीत या किसी वाद्य यंत्र से संबंधित हो तो सबसे अच्छा।
  4. पर्यावरण और पशुओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए किसी सार्थक अभियान का हिस्सा बनें।
  5. अगर आप के पास धन की कोई कमी नहीं है, तो किसी गरीब बच्चे के भरण-पोषण और शिक्षा की ज़िम्मेदारी अपने ऊपर लें। और ये जो आख़िरी बिंदु है इसका मतलब ये नहीं कि कहीं पैसा दे आये। इसका मतलब ये है कि आपको उसके अभिभावक की तरह ये सुनिश्चित करना होगा कि उस बच्चे का विकास हो रहा है। नहीं तो आजकल बहुत इस प्रकार की योजनाएं चलती हैं कि एक मुश्त इतना पैसा दे दो, किसी संस्था को, कोई एन.जी.ओ. है और वो आपके दिए पैसे से किसी बच्चे को खाना-पीना देगी और उसको पढ़ाएंगी, लिखायेगी। मैं उसकी बात नहीं कर रहा हूँ। मैं किसी ऐसे का अभिभावक बनने की बात कर रहा हूँ जो आपके जिस्म से पैदा नहीं हुआ है। उसको बच्चे की तरह पालना-पोषना है। इसका मतलब ये आवश्यक नहीं है कि आप उसे अपने घर ही ले आएं। अगर वो अपने घर में पल-पुष रहा है, बड़ा हो रहा है तो कोई बात नहीं पर आप ये सुनिश्चित करेंगें कि उसको शिक्षा मिल रही है, उसका विकास हो रहा है। और ये सुनिश्चित करने के लिए सिर्फ धन देना काफी नहीं होगा, आपको समय भी देना पड़ेगा।

YouTube Link: https://youtu.be/kDuCieYkrhI

GET UPDATES
Receive handpicked articles, quotes and videos of Acharya Prashant regularly.
OR
Subscribe
View All Articles