मेडिटेशन के नाम पर धोखा || नीम लड्डू

Acharya Prashant

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मेडिटेशन के नाम पर धोखा || नीम लड्डू

बहुत सारा मेडिटेशन वगैरह वही है जो आपको झटका नहीं खाने देगा। ज़िन्दगी बर्बाद चल रही है, सबकुछ आपका ग़लत है, लेकिन सुधरने की कोई ज़रूरत नहीं। आधे-एक घण्टे बैठ करके गाइडेड मेडिटेशन कर लो, वहाँ तुमको गुरुजी कान में बता देंगे कि तुम एक सरोवर के किनारे बैठे हो, उसमें पूर्णिमा के चाँद की छवि झलक रही है, और अप्सराएँ वहाँ अपना नृत्य कर रही हैं, और प्रकृति का अप्रतिम सौंदर्य है और आप सुन रहे हो और ऐसे-ऐसे झूम रहे हो, सब थकान उतर गयी। ये टेक्नोलॉजी है।

और कई संस्थाएँ तो खुले-आम बोल रही हैं कि, ‘हम टेक्नोलॉजी ही देते हैं तुमको;, अंदरूनी वेल बीइंग की टेक्नोलॉजी दी जा रही है। और तुम्हें समझ में भी नहीं आता कि ये टेक्नोलॉजी तुम्हारे साथ क्या करेगी! ये टेक्नोलॉजी तुम्हारे टायर के चिथड़े-चिथड़े कर देगी।

क्योंकि ये टेक्नोलॉजी बदलाव की टेक्नोलॉजी नहीं है, ये टेक्नोलॉजी स्थायित्व की, कॉन्टिनुएशन की टेक्नोलॉजी है, जो जैसा चल रहा है, वो चलता रहे। उसी में फँसे हैं! अब बताओ तुम बदलोगे कैसे?

This article has been created by volunteers of the PrashantAdvait Foundation from transcriptions of sessions by Acharya Prashant
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