लड़के अगर बेरोज़गार हों और शादी के लिए लालायित हो जाएँ तो तुम कहोगे, “छी! कमाता ना धमामा, शादी करने चला है!”
और लड़कियों से यह बात तुम बोलते नहीं। क्योंकि लड़कियाँ तो गाय हैं, उन्हें कमाना-धमाना थोड़े ही है। उन्हें तो घर में बैठकर बछड़े जनने हैं।
जब बहन अभी कमाती नहीं तो भाई होने के नाते तुम्हारा दायित्व क्या है?
उसको आत्म-निर्भर बनाना या उसकी शादी के लिए कर्ज़ उठाना?