किसके लिए कम कपड़े पहनते हो? || नीम लड्डू

Acharya Prashant

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किसके लिए कम कपड़े पहनते हो? || नीम लड्डू

कोई गर्मी का मौसम हो, तुम शरीर खुला रखो, बात समझ में आती है। तुम कहीं नदी में, स्विमिंग पूल (तरण ताल) में नहाने जा रहे हो, तुम कपड़े उतार दो, बात समझ में आती है। या तुम सिर्फ़ अपनी सुविधा के लिए कम कपड़े पहनो तो भी बात समझ में आती है। लेकिन दूसरों की नज़रों में सेक्सी बनने के लिए, दूसरों का अटेंशन (ध्यान) खींचने के लिए, माने दूसरों के लिए तुम कम कपड़े पहनो, इससे तो मन का मैल और कमज़ोरी ही पता चलते हैं न।

और ये बात सिर्फ़ लड़कियों की नहीं है, लड़के भी तो यही करते हैं। यह जो जिमबाज होते हैं, इनमें से कुछ ही होते हैं जो सेहत की खातिर जिम (व्यायामशाला) जाते हैं। बाकियों का तो यही रहता है कि बाजू और छाती चौड़े कर लेंगे, यह सब देख कर के लडकियाँ आकर्षित होती हैं।

This article has been created by volunteers of the PrashantAdvait Foundation from transcriptions of sessions by Acharya Prashant.
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