कमाओ, खूब कमाओ! || नीम लड्डू

Acharya Prashant

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कमाओ, खूब कमाओ! || नीम लड्डू

दुनिया अगर ताक़त की भाषा समझती है तो ताक़त अर्जित करो। दुनिया अगर पैसे की बात सुनती है तो पैसा होना चाहिए तुम्हारे पास। हाँ, शर्त बस एक है कि तुम्हारी बात सदा सच्ची रहे। यह ना हो कि पैसा आ गया तो बात में झूठ आ गया।

जितना तुम्हारी बात में सच्चाई हो ईश्वर करे उतना ही तुम्हारे हाथों में पैसा हो, उतना ही तुम्हारे नाम का प्रचार हो, उतनी ही तुम्हारी वाणी में ओज हो। सच चाहता है यह सब-कुछ, सच माँगता है यह सब-कुछ, सच का अधिकार है ये।

ऊँची-से-ऊँची लड़ाई के लिए महँगे-से-महँगे अस्त्र और आयुध चाहिए होते हैं। एक घटिया आदमी नहीं कमा रहा उसे माफ़ किया जा सकता है, पर एक सही आदमी के पास अगर संसाधन नहीं हैं, ताक़त नहीं है, प्रसिद्धी नहीं है तो मैं कह रहा हूँ कि वह अपने ही उद्देश्य के सामने अपराधी, गुनहगार हो गया।

This article has been created by volunteers of the PrashantAdvait Foundation from transcriptions of sessions by Acharya Prashant
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