इसे सुनो, हर डर ख़त्म हो जाएगा || नीम लड्डू

Acharya Prashant

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इसे सुनो, हर डर ख़त्म हो जाएगा || नीम लड्डू

जो आपको डराने आए, वो आपको छोटी धमकी देता है। उसको आप कहिए, “तू आ कर बैठ! तू तो छोटी धमकी दे रहा है, मुझे तो पूरी बात पता है।“ पूरी बात क्या? यहाँ से एक पैसा और शरीर की एक कोशिका ले कर के हम बचने नहीं वाले, बाहर नहीं जाने वाले। तो हम डरें क्या? क्या डरें? ये तो जानी हुई बात है। साधुओं ने, फ़कीरों ने इंसान को देखा है और उसको कहा है, “पता है क्या जा रही है ये? ज़िन्दा लाश! ये अपने-आपको कहते ‘ज़िन्दा’ हैं, ये मरे हुए हैं। बस इनको समय ने धोखा दे रखा है। वो समय जो है, अभी इनको ऐसे बिंदु पर रखे है जहाँ इनको भ्रम हो गया है कि ये जीवित हैं। अभी बस घड़ी टिक-टिक थोड़ा सा करेगी और उसके बाद इनका ये भ्रम भी नहीं रहेगा।“

This article has been created by volunteers of the PrashantAdvait Foundation from transcriptions of sessions by Acharya Prashant.
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