कभी किसी से बड़ी नफ़रत उठे तो मैं एक सूत्र बता देता हूँ – अपनी नफ़रत को और अपने अहंकार को थोड़ी देर के लिए किनारे रख कर उससे 1 घण्टे बात कर लेना, फिर नफ़रत कर नहीं पाओगे और ज़्यादा। इसलिए जिन्हें नफ़रत क़ायम रखनी होती है, पहला काम ये करते हैं कि बात करना बंद कर देते हैं, संपर्क तोड़ लेते हैं और कहते हैं, ‘सामने ही नहीं पड़ेंगे!’ सामने ना पड़ने से बड़ी सुविधा रहती है।
तुम दूसरे के बारे में अंडबंड कल्पनाएँ नहीं कर पाते हो, वो सामने पड़ जाए, तुम्हारी नफ़रत गिर जाएगी। नफ़रत मिटाने का सीधा उपाय यह है – जाओ बात करो। 1 घण्टे बात करोगे, कोई बड़ी बात नहीं फूट-फूट कर रो पड़ोगे। तुम भी रो रहे हो, वो भी रो रहा होगा।