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बारह प्रकार के धोखे || आचार्य प्रशांत, गुरु मिलारेपा पर (2013)

Acharya Prashant

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प्रसंग:

  • बारह प्रकार के धोखे कौन - कौन सी हैं?
  • आकर्षण - विकर्षण दोनों को गुरु मिलारेपा ने भ्रम क्यों बताए है?
  • ध्यान क्या है?
  • ध्यान कैसे करे?
  • गुरु मिलारेपा "मित्र और सेवक" दोनों को कपटी क्यों बताए है?
  • कैवल्य का क्या अर्थ है?
This article has been created by volunteers of the PrashantAdvait Foundation from transcriptions of sessions by Acharya Prashant.
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