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Here is the comprehensive list of articles published by prestigious top media houses and renowned national dailies, based on Acharya Prashant's teachings.
आधुनिकता और विकास में सिर्फ आर्थिक पहलुओं पर ही जोर क्यों?
दैनिक भास्कर
9 जून 2023

आधुनिकता और विकास में सिर्फ आर्थिक पहलुओं पर ही जोर क्यों?

दैनिक जागरण के इस लेख में आचार्य प्रशांत ने आधुनिकता और विकास में सिर्फ आर्थिक पहलुओं पर जोर देने की प्रवृत्ति पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि विकास को आर्थिक आंकड़ों तक सीमित करना पर्याप्त नहीं है। शिक्षा, स्वास्थ्य, और सामाजिक प्रगति जैसे मानकों को भी ध्यान में रखना जरूरी है। भारत में गरीबी की स्थिति और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को देखते हुए व्यापक दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है। आर्थिक विकास के साथ-साथ समग्र विकास की दिशा में काम करना आवश्यक है।
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प्रतियोगी परीक्षा में असफल होने पर निराशा
अमर उजाला
7 जून 2023

प्रतियोगी परीक्षा में असफल होने पर निराशा

अमर उजाला के इस लेख में आचार्य प्रशांत ने प्रतियोगी परीक्षाओं में असफलता से निराश न होने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि जीवन में कई बार असफलता एक बड़ी सफलता का आधार बनती है। असफलता से निराश होकर रुकने के बजाय उससे सीख लेकर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने बताया कि निरंतर प्रयास और आत्म-विश्लेषण से ही वास्तविक सफलता प्राप्त की जा सकती है। असफलता को एक सीख के रूप में स्वीकारें और उससे प्रेरणा लेकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ें।
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अपनी मुक्ति व जगत का कल्याण ही मनुष्य का पहला लक्ष्यः आचार्य प्रशान्त
IBC 24
30 मई 2023

अपनी मुक्ति व जगत का कल्याण ही मनुष्य का पहला लक्ष्यः आचार्य प्रशान्त

IBC24 में प्रकाशित लेख में आचार्य प्रशांत ने कहा कि जीवन का सबसे महत्वपूर्ण कार्य अपनी मुक्ति और जगत का कल्याण है। अपनी मुक्ति के लिए आत्मज्ञान आवश्यक है, जिसे उपनिषदों और संतवाणी से प्राप्त किया जा सकता है। ग्रेटर नोएडा में जीएन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट में आयोजित दो दिवसीय संत समागम में उन्होंने यह बातें साझा कीं। उन्होंने आत्मा से दूरी को दुख का मुख्य कारण बताया और गुरु की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
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एसोसिएशन के सचिव बोले- आचार्य ने हमेशा कैंपस की शोभा बढ़ाई
दैनिक भास्कर
29 मई 2023

एसोसिएशन के सचिव बोले- आचार्य ने हमेशा कैंपस की शोभा बढ़ाई

दैनिक भास्कर में प्रकाशित लेख के अनुसार आचार्य प्रशांत को IIT दिल्ली एलुमनी अवार्ड से सम्मानित किया गया है। एसोसिएशन के सचिव ने कहा कि आचार्य हमेशा से IIT दिल्ली परिसर की गरिमा बढ़ाते रहे हैं। यह अवार्ड उनके द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों और संस्थान के प्रति उनके योगदान को मान्यता देता है। आचार्य प्रशांत का यह सम्मान प्रेरणा का स्रोत है, जो छात्रों और एलुमनी को उनके आदर्शों का पालन करने के लिए प्रेरित करता है।
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अपनी मुक्ति व जगत का कल्याण ही मनुष्य का पहला लक्ष्य: आचार्य प्रशान्त
राष्ट्रीय सहारा
28 मई 2023

अपनी मुक्ति व जगत का कल्याण ही मनुष्य का पहला लक्ष्य: आचार्य प्रशान्त

राष्ट्रीय सहारा में प्रकाशित लेख के अनुसार आचार्य प्रशांत ने ग्रेटर नोएडा में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन का प्रमुख उद्देश्य अपनी मुक्ति और जगत का कल्याण है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आत्मिक विकास के लिए आत्म-साक्षात्कार जरूरी है। सामाजिक समस्याओं का समाधान भी आत्म-जागरूकता से ही संभव है। आचार्य प्रशांत ने समझाया कि आंतरिक शांति और सच्ची खुशी पाने के लिए हमें अपने वास्तविक स्वरूप को पहचानना होगा और बाहरी आडंबर से दूर रहना होगा।
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आचार्य प्रशान्त ने कहा- अपनी मुक्ति व जगत का कल्याण ही मनुष्य का पहला लक्ष्य
दैनिक भास्कर
28 मई 2023

आचार्य प्रशान्त ने कहा- अपनी मुक्ति व जगत का कल्याण ही मनुष्य का पहला लक्ष्य

प्रशांत अद्वैत फाउंडेशन के संस्थापक और पूर्व सिविल सेवा अधिकारी आचार्य प्रशांत ने दैनिक भास्कर में प्रकाशित लेख के अनुसार कहा कि जीवन में करने योग्य एक ही काम है, अपनी मुक्ति और जगत का कल्याण। अपनी मुक्ति के लिए आत्मज्ञान जरूरी है। उसके लिए हमें उपनिषदों के पास आने होगा। सामान्यजन के लिए उपनिषदों का व्यवहारिक ज्ञान हमें संतवाणी से ही मिल सकता है।
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कर्म और मनुष्यता का संबंध है गहरा
अमर उजाला
10 मई 2023

कर्म और मनुष्यता का संबंध है गहरा

अमर उजाला के इस लेख में आचार्य प्रशांत ने मानव जीवन में कर्म के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि हमारे कर्म ही जीवन की दिशा निर्धारित करते हैं। घर-परिवार से लेकर दुनियादारी निभाने तक, हर पहलू में कर्म की अहमियत है। उन्होंने बताया कि सही कर्म करने से ही मनुष्य सच्चे अर्थों में मानवता का पालन कर सकता है। जीवन में कर्म और मनुष्यता का गहरा संबंध है, जो हमारे भविष्य को आकार देता है।
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अपनी जिंदगी की जिम्मेदारी स्वयं उठाएं
अमर उजाला
3 मई 2023

अपनी जिंदगी की जिम्मेदारी स्वयं उठाएं

अमर उजाला के इस लेख में आचार्य प्रशांत ने कहा कि अपने जीवन की जिम्मेदारियों को समझना और उन्हें पूरी तरह निभाना सफलता की कुंजी है। हर कार्य की जिम्मेदारी स्वयं लेने से व्यक्ति अपने जीवन में सुधार कर सकता है। उन्होंने बताया कि आत्मनिर्भरता और स्वयं की जिम्मेदारी उठाना जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है। अपनी जिम्मेदारियों को स्वीकार करना और उनका पालन करना ही सच्ची सफलता का मार्ग है।
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ये 4 संकेत बताते हैं कि हम ‘माया’ के गुलाम बन चुके हैं
Speaking tree
2 मई 2023

ये 4 संकेत बताते हैं कि हम ‘माया’ के गुलाम बन चुके हैं

स्पीकिंग ट्री के इस लेख में इला गोस्वामी आचार्य प्रशांत की पुस्तक 'माया' पर लिखती हैं। वे बताती हैं कि अक्सर हम सभी मनुष्यों के चित्त में उठने वाले सवाल एक जैसे ही होते हैं क्योंकि हम सभी आसपास जो महसूस कर रहे हैं, जिन चीज़ों के साथ हमारा तालमेल है और जिस सोच के साथ हम आगे बढ़ रहें हैं, वह सभी एक ही फैक्टर से प्रभावित होता है, वह है ‘माया’।
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सकारात्मक सोच और प्रेरणा से हर मुश्किल आसान
अमर उजाला
26 अप्रैल 2023

सकारात्मक सोच और प्रेरणा से हर मुश्किल आसान

अमर उजाला के इस लेख में आचार्य प्रशांत ने बताया कि सकारात्मक सोच और प्रेरणा से जीवन की कठिनाइयों को आसानी से हल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमारी सोच का प्रभाव हमारे कार्यों और परिणामों पर पड़ता है। हर स्थिति में प्रेरित और सकारात्मक रहने से हम अपनी क्षमताओं को पहचानते हैं और अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं।
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