Here is the comprehensive list of articles published by prestigious top media houses and renowned national dailies, based on Acharya Prashant's teachings.
अमर उजाला22 फ़रवरी 2023
शिक्षा को पूर्ण करता है अध्यात्म
अध्यात्म ज्ञान के माध्यम से शिक्षा को स्कूल-कॉलेज की किताबों से परे तक ले जाता है। अमर उजाला में प्रकाशित इस लेख में आचार्य प्रशांत ने समझाया कि शिक्षा का उद्देश्य केवल सूचना प्रदान करना नहीं है, बल्कि जीवन की गहरी समझ और सार्थकता को बढ़ाना भी है। अध्यात्मिक शिक्षा मनुष्य को आत्म-ज्ञान और सही दिशा की ओर मार्गदर्शित करती है, जिससे जीवन में वास्तविक पूर्णता और संतुलन प्राप्त होता है।
Full Coverage
लोकदेश18 फ़रवरी 2023
क्यों की जाती है शिवलिंग की पूजा
आचार्य प्रशांत द्वारा लोकदेश में लिखा यह लेख शिवलिंग की पूजा के पीछे के आध्यात्मिक महत्व को स्पष्ट करता है। शिवलिंग चेतना का प्रतीक है। वे बताते हैं कि शिवलिंग की पूजा न केवल पौराणिक कथाओं में बल्कि हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं में भी गहरी अर्थवत्ता रखती है। शिवलिंग को चेतना और सृजनात्मक शक्ति के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।
Full Coverage
राष्ट्रीय सहारा16 फ़रवरी 2023
अद्वैत और द्वैत: आचार्य प्रशांत
राष्ट्रीय सहारा में प्रकाशित इस लेख में आचार्य प्रशांत बताते हैं कि द्वैत में जीने के लिए अद्वैत को भूलना जरूरी है। जब तक याद है, तब तक द्वैत है। अद्वैत से जुड़ा कोई अनुभव नहीं हो सकता, खासकर जब आत्मा के मुख से निकलता हो। राजा और बंदर की कहानी के माध्यम से वे समझाते हैं कि जब तक द्वैत है, तब तक चंचलता बनी रहती है। अद्वैत में सबकुछ शांत हो जाता है।
Full Coverage
अमर उजाला15 फ़रवरी 2023
ग्रंथों में है जीवन का सार
अमर उजाला में प्रकाशित आचार्य प्रशांत का यह लेख आध्यात्मिक ग्रंथों की महत्वपूर्णता पर प्रकाश डालता है। वे बताते हैं कि जीवन की समस्याओं का समाधान और आत्मिक शांति पाने के लिए ग्रंथों का अध्ययन कैसे सहायक हो सकता है। इस लेख में आचार्य ने ग्रंथों के अध्ययन की महत्ता और उनके जीवन में योगदान पर विस्तृत चर्चा की है।
Full Coverage
दैनिक जागरण15 फ़रवरी 2023
गीता के उपदेश हर युग में प्रासंगिक
गीता के उपदेश हर युग में प्रासंगिक होते हैं क्योंकि यह हमें जीवन के संघर्षों से निपटने की सीख देते हैं। इसमें भगवान श्रीकृष्ण द्वारा दिए गए ज्ञान के माध्यम से मनुष्य को सही मार्ग पर चलने और आत्मिक शांति प्राप्त करने के मार्गदर्शन का वर्णन है। दैनिक जागरण के इस लेख में आचार्य प्रशांत बताते हैं कि गीता का संदेश हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है और इसे अपनाकर हम जीवन के दुखों से मुक्ति पा सकते हैं।
Full Coverage
राष्ट्रीय हिंदी मेल14 फ़रवरी 2023
असली प्रेमी हो तो प्रेमिका का अहंकार काटो
राष्ट्रीय हिंदी मेल के इस लेख में आचार्य प्रशांत ने बताया है कि सच्चा प्रेमी वही है जो अपनी प्रेमिका के अहंकार को दूर कर सके। सच्चे प्रेम में खुद को मिटाना पड़ता है और प्रेमिका के व्यक्तित्व को ऊँचा उठाना पड़ता है। उन्होंने समझाया कि प्रेम का मतलब है त्याग और समर्पण।
Full Coverage
दैनिक जागरण14 फ़रवरी 2023
परम सत्य बर्दाश्त करने की शक्ति ही प्रेम है
दैनिक जागरण के इस लेख में आचार्य प्रशांत बताते हैं कि प्रेमी वही कर रहा है, जो गुरु का काम है। तुम्हारे सभी संस्कारों को तुम्हें मुक्त कर रहा है। और जो ये ना करे, उसका प्रेमी बना मत लेना। प्रेम किसी की गुलामी करने का नाम नहीं है, बल्कि यह तुम्हें आत्मनिर्भर बनाता है। जब तुम किसी से प्रेम करते हो, तो तुम उसे उसकी अच्छाइयों और कमियों के साथ स्वीकार करते हो। यही सच्चा प्रेम है, जो तुम्हें सच्चाई और साहस के साथ जीना सिखाता है।
Full Coverage
राष्ट्रीय सहारा9 फ़रवरी 2023
वेदांत
राष्ट्रीय सहारा में प्रकाशित इस लेख में आचार्य प्रशांत बताते हैं कि वेदांत की मूल बातें समझें: "सत्य एक है," जो अपनी लीलाओं, मुक्तियों, और स्वेच्छाओं में अनेक रूपों में अभिव्यक्त होता है। वेदांत के अनुसार, अभिव्यक्त होना सत्य का स्वभाव है। अर्जुन की तरह हमें अपने भीतर की त्रिगुणात्मकता को पहचानना चाहिए और उसके पार जाना चाहिए। जब तक हम अपने मन को नियंत्रित नहीं करते, तब तक विवेक नहीं प्राप्त कर सकते।
Full Coverage
अमर उजाला8 फ़रवरी 2023
मन की दिशा का निर्धारण
अमर उजाला में प्रकाशित इस लेख में आचार्य प्रशांत बताते हैं मन चंचल जरूर होता है लेकिन इसकी चंचलता पर अगर आपने विजय पा ली तो यकीन मानें अपनी दुल्हना पर विजय पा ली। मन को सही दिशा में नियंत्रित करने के लिए अनुशासन और सतत अभ्यास आवश्यक हैं। जीवन में सच्चे लक्ष्य का निर्धारण करके, मानसिक शांति और सशक्तिकरण प्राप्त किया जा सकता है।
Full Coverage
अमर उजाला1 फ़रवरी 2023
चुनौतियों के लिए खुद को तैयार रखें
अमर उजाला में प्रकाशित इस लेख में आचार्य प्रशांत बताते हैं समस्याओं से डटकर सामना करना सीखो। इन समस्याओं से जब तक भिड़ोगे नहीं, तब तक अपनी ताकत का एहसास भी नहीं कर पाओगे और न ही जीवन में आगे बढ़ पाओगे।