राष्ट्रीय सहारा 14 सितंबर 2023 सनातन धर्म
राष्ट्रीय सहारा के इस लेख में आचार्य प्रशांत लिखते है धर्म का अर्थ होता है, जो धारण करने योग्य है, और वो कर्म जो करने योग्य हैं, तो धर्म ऊपर से एक कर्तव्य या जिम्मेदारी है। जो भी समय के अनुसार बदलते रहते हैं, वो संनातन धर्म हुआ - वो जिम्मेदारी जो आपको सदैव पूरी करनी है। हर व्यक्ति का धर्म है कि वह अपने मानसिक मुक्ति की तरफ अग्रसर हो। धर्म वह है जो आपको डर, भ्रम, लालच, अज्ञान से मुक्त करता है। सनातन धर्म का अर्थ है आत्मज्ञान और आत्मदर्शन, जिससे व्यक्ति स्वयं को पहचान सके और अपनी सच्ची स्वतंत्रता की दिशा में अग्रसर हो सके।