Media and Public Interaction

Here is the comprehensive list of articles published by prestigious top media houses and renowned national dailies, based on Acharya Prashant's teachings.
असल संघर्ष मन के विकारों को हटाना है
अमर उजाला
7 अक्तूबर 2023

असल संघर्ष मन के विकारों को हटाना है

आचार्य प्रशांत ने अमर उजाला के इस लेख में बताया है कि जीवन का असली संघर्ष बाहरी परिस्थितियों से नहीं, बल्कि हमारे मन के विकारों से है। उन्होंने समझाया कि हमारा मानव जीवन कीमती है और इसे सही दिशा में ले जाने के लिए हमें अपने मन के विकारों को पहचानना और हटाना जरूरी है। लेख में आचार्य प्रशांत ने कहा कि हमारे मन में उठने वाले क्रोध, लालच, ईर्ष्या, और अन्य नकारात्मक भावनाओं को नियंत्रित करना असली संघर्ष है। उन्होंने जोर दिया कि आत्म-चिंतन और आत्म-साक्षात्कार के माध्यम से हम अपने भीतर के इन विकारों से मुक्ति पा सकते हैं और सच्चे अर्थों में आध्यात्मिक जीवन जी सकते हैं।
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World Mental Health Day: जब असफल होने पर आत्महत्या का विचार आए तो…
News 24
7 अक्तूबर 2023

World Mental Health Day: जब असफल होने पर आत्महत्या का विचार आए तो…

आचार्य प्रशांत ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर लिखा है कि आज बहुत तेजी से बच्चे और व्यस्क, शिक्षा संबंधी या रोज़गार संबंधी असफलताओं के चलते अवसाद के शिकार बनते जा रहे हैं और फ़िर इसी अवसाद के चलते वे आत्महत्या करने का निर्णय तक ले लेते हैं, जो बहुत चिंताजनक और दुखदाई है।
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हमारी मुस्कुराहट दूसरों पर निर्भर है
राजस्थान पत्रिका
4 अक्तूबर 2023

हमारी मुस्कुराहट दूसरों पर निर्भर है

आचार्य प्रशांत ने राजस्थान पत्रिका के अपने लेख में इस बात पर जोर दिया है कि हमारी खुशी और मुस्कुराहट अक्सर दूसरों पर निर्भर हो जाती है। वे सवाल उठाते हैं कि क्या हमारे दुख और खुशी का कारण वास्तव में हमारे अपने भीतर नहीं है? लेख में उन्होंने बताया कि हमें अपनी मुस्कुराहट और खुशी को बाहरी परिस्थितियों और लोगों से मुक्त करना होगा। आत्मनिर्भरता और आंतरिक शांति को बढ़ावा देते हुए, आचार्य प्रशांत ने सुझाया है कि हमें अपने आप से उम्मीदें कम रखनी चाहिए, अपने अंतर्द्वंद्व को बेहतर तरीके से जानना चाहिए और प्रकृति की सुंदरता को अपनाना चाहिए। इस तरह से हम जीवन में सच्ची खुशी और मुस्कुराहट पा सकते हैं।
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सरलतम व श्रेष्ठतम मन ही आध्यात्मिक हो सकता है
अमर उजाला
4 अक्तूबर 2023

सरलतम व श्रेष्ठतम मन ही आध्यात्मिक हो सकता है

आचार्य प्रशांत ने अमर उजाला के इस लेख में बताया है कि जीवन में किसी चीज़ से जल्दी प्रभावित होकर पीछे हटने की प्रवृत्ति से बचना चाहिए। उन्होंने समझाया कि जो कार्य हम कर रहे हैं यदि वह स्वाभाविक रूप से महत्वपूर्ण है, तो उसे प्राथमिकता देनी चाहिए। लेख में आचार्य प्रशांत ने जोर दिया कि एक सरल और श्रेष्ठतम मन ही सच्चे आध्यात्मिकता को प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि जो लोग भौतिक सुख-सुविधाओं में उलझ जाते हैं, वे सच्चे आध्यात्मिक आनंद से वंचित रह जाते हैं।
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A Lesser Known Incident From Mahatma Gandhi’s Life
NEWS24
2 अक्तूबर 2023

A Lesser Known Incident From Mahatma Gandhi’s Life

News24, in a piece by Acharya Prashant, highlights a lesser-known episode where Gandhi, advised by Gopal Krishna Gokhale to observe India for a year, later led the Champaran movement. This underscores the need for preparation and understanding before major actions, relevant to issues like climate change.
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सनातन धर्म के पुनरुद्धार के लिए आचार्य प्रशांत ने 1 अक्टूबर को “वेदांत दिवस” घोषित किया
भारत Express
1 अक्तूबर 2023

सनातन धर्म के पुनरुद्धार के लिए आचार्य प्रशांत ने 1 अक्टूबर को “वेदांत दिवस” घोषित किया

आचार्य प्रशांत ने सनातन धर्म और वेदांत के महत्व पर जोर देते हुए 1 अक्टूबर को "वेदांत दिवस" घोषित किया। भारत एक्सप्रेस के इस लेख में वेदों और उपनिषदों को धर्म का केंद्र मानते हुए उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को पुनर्जीवित करने का एकमात्र तरीका उच्चतम ग्रंथों की प्रतिष्ठा है। उन्होंने "घर घर उपनिषद" अभियान शुरू किया है, जिसका उद्देश्य 20 करोड़ घरों तक उपनिषदों को पहुँचाना है। उनका मानना है कि वेदांत की पुनर्प्रतिष्ठा से जीवन का पुनर्प्रतिष्ठा होगा।
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एक आम आदमी जिसने अपनी कमजोरियों को जीता, फिर देश के राष्ट्रपिता कहलाए
न्यूज़ 24
1 अक्तूबर 2023

एक आम आदमी जिसने अपनी कमजोरियों को जीता, फिर देश के राष्ट्रपिता कहलाए

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मत मानों उनके आदर्शों को, लेकिन उनको एक बार ठीक से पढ़ लो
अमर उजाला
1 अक्तूबर 2023

मत मानों उनके आदर्शों को, लेकिन उनको एक बार ठीक से पढ़ लो

अमर उजाला के इस लेख में आचार्य प्रशांत महात्मा गांधी की शिक्षा और उनके आदर्शों की आज के समय में प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हैं। वे बताते हैं कि गांधीजी के सिद्धांत और उनके द्वारा स्थापित मूल्य वर्तमान समय में क्यों और कैसे महत्वपूर्ण हैं। लेख में गांधीजी के जीवन के विभिन्न पहलुओं और उनके द्वारा दी गई सीखों को आधुनिक संदर्भ में समझाने का प्रयास किया गया है।
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उचित-अनुचित
राष्ट्रीय सहारा
28 सितंबर 2023

उचित-अनुचित

राष्ट्रीय सहारा के इस लेख में, आचार्य प्रशांत ने सही और गलत के निर्णय लेने के महत्व पर प्रकाश डाला है। वे बताते हैं कि आत्म-जागरूकता और आत्म-चिंतन के माध्यम से सही निर्णय लेना महत्वपूर्ण है। सही निर्णय लेना एक कला है, जिसे आत्म-मूल्यांकन से सीखा जा सकता है।
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कर्म ही आपकी मनोस्थिति की गवाही है
दैनिक जागरण
28 सितंबर 2023

कर्म ही आपकी मनोस्थिति की गवाही है

दैनिक जागरण के इस लेख में आचार्य प्रशांत ने बताया है कि हमारे कर्म हमारी मानसिक और आध्यात्मिक स्थिति की गवाही देते हैं। वे कहते हैं कि जब हम अपने आप से दूर महसूस करते हैं, तो ध्यान और लक्ष्यों की आवश्यकता होती है। आत्मा हमेशा असंग रहता है, और इसलिए हमारे कर्म ही हमें यह बताते हैं कि हम कहां खड़े हैं। आचार्य प्रशांत ने इस बात पर जोर दिया है कि आत्मा से प्रेम और शांति पाने के लिए हमें ईमानदारी और ध्यान की आवश्यकता है। लेख में ध्यान और समर्पण के माध्यम से आत्मा से जुड़ने के मार्ग पर विस्तार से चर्चा की गई है।
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