Here is the comprehensive list of articles published by prestigious top media houses and renowned national dailies, based on Acharya Prashant's teachings.
अमर उजाला21 जून 2023
स्वयं निर्धारित करें अपनी जिंदगी का लक्ष्य
अमर उजाला के इस लेख में आचार्य प्रशांत ने जीवन में अपने लक्ष्यों को स्वयं निर्धारित करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दूसरों के लक्ष्यों की नकल करने से सफलता नहीं मिलती। असली सफलता तभी प्राप्त होती है जब लक्ष्य खुद तय किया जाए और उस पर ईमानदारी से काम किया जाए। अपनी पहचान और रुचियों के अनुसार लक्ष्य निर्धारण करना जीवन को सही दिशा देता है और सफलता की संभावनाएं बढ़ाता है।
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राष्ट्रीय सहारा19 जून 2023
जीवन को बदलने के लिए खुद उठानी होगी जिम्मेदारी: आचार्य प्रशांत
आचार्य प्रशांत ने ग्रेटर नोएडा में संत सरिता श्रृंखला के दौरान बताया कि जीवन में बदलाव के लिए आत्मनिर्भरता आवश्यक है। राष्ट्रीय सहारा के अनुसार, उन्होंने कहा कि बाहरी स्थितियों को दोष देने के बजाय व्यक्ति को खुद जिम्मेदारी उठानी चाहिए।
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राष्ट्रीय सहारा16 जून 2023
धर्म-परिवर्तन: आचार्य प्रशांत
राष्ट्रीय सहारा के इस लेख में आचार्य प्रशांत ने समाज में धर्म-परिवर्तन पर हो रहे विवाद पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि धर्म-परिवर्तन का फैसला आर्थिक या शारीरिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि आत्मिक शांति और सच्चे धर्म की खोज में होना चाहिए। सच्चा धर्म प्रेम, करुणा और आत्मज्ञान पर आधारित होता है। धर्म-परिवर्तन का निर्णय सोच-समझ कर और आत्म-विश्लेषण के बाद ही लेना चाहिए। आचार्य प्रशांत ने बताया कि बाहरी दिखावे या लाभ के लिए धर्म बदलना आत्मिक विकास में बाधा उत्पन्न कर सकता है।
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अमर उजाला14 जून 2023
जीत और हार से परे हो खेल या जीवन
अमर उजाला के इस लेख में आचार्य प्रशांत ने खेल और जीवन के मैदान में जीत और हार के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि असली उद्देश्य सिर्फ जीतना नहीं, बल्कि अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना है। हर प्रदर्शन हमें पहले से बेहतर बनाता है, और इसमें हार का भी महत्व है। आचार्य प्रशांत के अनुसार, सही दृष्टिकोण से जीत और हार दोनों से सीखा जा सकता है, जिससे जीवन में संतुलन और स्थिरता आती है। जीवन को खेल की तरह अपनाकर ही हम असली सफलता पा सकते हैं।
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दैनिक भास्कर9 जून 2023
आधुनिकता और विकास में सिर्फ आर्थिक पहलुओं पर ही जोर क्यों?
दैनिक जागरण के इस लेख में आचार्य प्रशांत ने आधुनिकता और विकास में सिर्फ आर्थिक पहलुओं पर जोर देने की प्रवृत्ति पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि विकास को आर्थिक आंकड़ों तक सीमित करना पर्याप्त नहीं है। शिक्षा, स्वास्थ्य, और सामाजिक प्रगति जैसे मानकों को भी ध्यान में रखना जरूरी है। भारत में गरीबी की स्थिति और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को देखते हुए व्यापक दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है। आर्थिक विकास के साथ-साथ समग्र विकास की दिशा में काम करना आवश्यक है।
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अमर उजाला7 जून 2023
प्रतियोगी परीक्षा में असफल होने पर निराशा
अमर उजाला के इस लेख में आचार्य प्रशांत ने प्रतियोगी परीक्षाओं में असफलता से निराश न होने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि जीवन में कई बार असफलता एक बड़ी सफलता का आधार बनती है। असफलता से निराश होकर रुकने के बजाय उससे सीख लेकर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने बताया कि निरंतर प्रयास और आत्म-विश्लेषण से ही वास्तविक सफलता प्राप्त की जा सकती है। असफलता को एक सीख के रूप में स्वीकारें और उससे प्रेरणा लेकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ें।
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IBC 2430 मई 2023
अपनी मुक्ति व जगत का कल्याण ही मनुष्य का पहला लक्ष्यः आचार्य प्रशान्त
IBC24 में प्रकाशित लेख में आचार्य प्रशांत ने कहा कि जीवन का सबसे महत्वपूर्ण कार्य अपनी मुक्ति और जगत का कल्याण है। अपनी मुक्ति के लिए आत्मज्ञान आवश्यक है, जिसे उपनिषदों और संतवाणी से प्राप्त किया जा सकता है। ग्रेटर नोएडा में जीएन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट में आयोजित दो दिवसीय संत समागम में उन्होंने यह बातें साझा कीं। उन्होंने आत्मा से दूरी को दुख का मुख्य कारण बताया और गुरु की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
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दैनिक भास्कर29 मई 2023
एसोसिएशन के सचिव बोले- आचार्य ने हमेशा कैंपस की शोभा बढ़ाई
दैनिक भास्कर में प्रकाशित लेख के अनुसार आचार्य प्रशांत को IIT दिल्ली एलुमनी अवार्ड से सम्मानित किया गया है। एसोसिएशन के सचिव ने कहा कि आचार्य हमेशा से IIT दिल्ली परिसर की गरिमा बढ़ाते रहे हैं। यह अवार्ड उनके द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों और संस्थान के प्रति उनके योगदान को मान्यता देता है। आचार्य प्रशांत का यह सम्मान प्रेरणा का स्रोत है, जो छात्रों और एलुमनी को उनके आदर्शों का पालन करने के लिए प्रेरित करता है।
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राष्ट्रीय सहारा28 मई 2023
अपनी मुक्ति व जगत का कल्याण ही मनुष्य का पहला लक्ष्य: आचार्य प्रशान्त
राष्ट्रीय सहारा में प्रकाशित लेख के अनुसार आचार्य प्रशांत ने ग्रेटर नोएडा में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन का प्रमुख उद्देश्य अपनी मुक्ति और जगत का कल्याण है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आत्मिक विकास के लिए आत्म-साक्षात्कार जरूरी है। सामाजिक समस्याओं का समाधान भी आत्म-जागरूकता से ही संभव है। आचार्य प्रशांत ने समझाया कि आंतरिक शांति और सच्ची खुशी पाने के लिए हमें अपने वास्तविक स्वरूप को पहचानना होगा और बाहरी आडंबर से दूर रहना होगा।
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दैनिक भास्कर28 मई 2023
आचार्य प्रशान्त ने कहा- अपनी मुक्ति व जगत का कल्याण ही मनुष्य का पहला लक्ष्य
प्रशांत अद्वैत फाउंडेशन के संस्थापक और पूर्व सिविल सेवा अधिकारी आचार्य प्रशांत ने दैनिक भास्कर में प्रकाशित लेख के अनुसार कहा कि जीवन में करने योग्य एक ही काम है, अपनी मुक्ति और जगत का कल्याण। अपनी मुक्ति के लिए आत्मज्ञान जरूरी है। उसके लिए हमें उपनिषदों के पास आने होगा। सामान्यजन के लिए उपनिषदों का व्यवहारिक ज्ञान हमें संतवाणी से ही मिल सकता है।