Here is the comprehensive list of articles published by prestigious top media houses and renowned national dailies, based on Acharya Prashant's teachings.
पंजाब केसरी6 सितंबर 2023
मीडिया परोस रहा है अन्धविश्वास
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अमर उजाला6 सितंबर 2023
इस जन्माष्टमी जीवन में उतारें श्रीकृष्ण का सन्देश
अमर उजाला के इस लेख में आचार्य प्रशांत लिखते है हर पर्व हमें यह सिखाता है कि हम खुद को बदलें, हरेक पर्व यह अवसर देता है कि हम अपने जीवन को नई दिशा दें। जन्माष्टमी पर हमें श्रीकृष्ण के संदेशों को अपने जीवन में उतारने का प्रयास करना चाहिए। श्रीकृष्ण का संदेश हमें प्रेम, सत्य, और कर्तव्य की राह पर चलने की प्रेरणा देता है। यह पर्व हमें आत्मनिरीक्षण का मौका देता है, जिससे हम अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं।
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दैनिक जागरण5 सितंबर 2023
शिक्षा जीवन का सबसे बड़ा आधार
शिक्षा जीवन का मूल आधार है, जो हमें सही दिशा और दृष्टिकोण प्रदान करती है। दैनिक जागरण के इस लेख में आचार्य प्रशांत ने शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा न केवल जानकारी का संग्रह है, बल्कि यह हमें सोचने, समझने और सही निर्णय लेने की क्षमता भी प्रदान करती है। सही शिक्षा हमें जीवन के हर पहलू में समृद्ध बनाती है और हमें सच्चाई के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है। शिक्षा का सही उपयोग हमें एक बेहतर समाज का निर्माण करने में सक्षम बनाता है।
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राष्ट्रीय सहारा31 अगस्त 2023
किसकी रक्षा हो
रक्षाबंधन का सही अर्थ समझाते हुए राष्ट्रीय सहारा के इस लेख में आचार्य प्रशांत ने कहा कि यह केवल भाई-बहन के बीच का पर्व नहीं है। विभिन्न पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में रक्षा के व्यापक अर्थ दिए गए हैं। आज हमें पर्यावरण, भाषा, संस्कृति और समाज की रक्षा की जरूरत है। यह पर्व हमें व्यापक दृष्टिकोण अपनाने और सभी कमजोर एवं जरूरतमंदों की रक्षा करने का संदेश देता है। आचार्य प्रशांत ने कहा कि हमें हर प्रकार की सुरक्षा और संरक्षण के लिए प्रयास करना चाहिए।
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अमर उजाला30 अगस्त 2023
जीवन में सफल होने के लिए
आज के समय में अनुभव और श्रेष्ठजनों की शिक्षाओं का हमारे जीवन में विशेष महत्व है। अमर उजाला के इस लेख में आचार्य प्रशांत ने बताया कि यदि हम उनके सिद्धांतों को अपने जीवन में अपनाएं, तो हमें सफलता प्राप्त हो सकती है। श्रेष्ठजनों की सीख हमें सही दिशा में मार्गदर्शन करती है और हमारे जीवन को सफल बनाने में सहायक होती है। उनका मार्गदर्शन हमारे व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन को समृद्ध बना सकता है।
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दैनिक जागरण26 अगस्त 2023
क्या हम यज्ञ जानते हैं?
आचार्य प्रशांत ने यज्ञ के वास्तविक अर्थ पर चर्चा करते हुए दैनिक जागरण के इस लेख में बताया कि आज के समय में लोग यज्ञ का सही अर्थ नहीं समझते। यज्ञ का मतलब केवल पूजा-पाठ नहीं है, बल्कि यह आत्मिक और आध्यात्मिक शुद्धि का माध्यम है। यदि हम यज्ञ का सही मतलब नहीं जानते, तो इसका सही लाभ भी नहीं उठा सकते। यज्ञ के सही अर्थ को समझना और उसका पालन करना ही सच्ची भक्ति है।
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दैनिक जागरण24 अगस्त 2023
समस्याओं का निवारण
आचार्य प्रशांत ने दैनिक जागरण के इस लेख में बताया कि हमारी परेशानियों का समाधान हमारे स्वयं के भीतर है। यदि हम अपनी वास्तविक समस्या को पहचानें और उसे सही तरीके से समझें, तो हम उसका सही समाधान पा सकते हैं। इधर-उधर भटकने और बाहरी उपायों पर निर्भर रहने के बजाय हमें अपने अंदर झांकने और समस्या के मूल कारण को समझने की आवश्यकता है। सच्ची शांति और समाधान तभी मिल सकता है जब हम अपनी समस्याओं का सामना ईमानदारी से करें।
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राष्ट्रीय सहारा17 अगस्त 2023
शिक्षा व्यवस्था
आचार्य प्रशांत ने राष्ट्रीय सहारा के इस लेख में शिक्षा व्यवस्था की खामियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह प्रक्रिया सही दिशा में नहीं चल रही है। बच्चों की मानसिक स्थिति का ध्यान रखे बिना उन्हें ज्ञान देने की कोशिश की जा रही है। हमें बच्चों की शिक्षा में स्वाध्याय और आत्मचिंतन को शामिल करना चाहिए। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि बच्चों की शिक्षा केवल जानकारी देने तक सीमित न हो, बल्कि उन्हें सही तरीके से सोचने और समझने के योग्य बनाए।
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राष्ट्रीय सहारा3 अगस्त 2023
असली जवानी
आचार्य प्रशांत ने असली जवानी का मतलब समझाते हुए राष्ट्रीय सहारा के इस लेख में कहा कि यह केवल शारीरिक अवस्था नहीं है, बल्कि प्रेम, ऊर्जा, उत्साह और सपनों से भरी एक मानसिक और आत्मिक स्थिति है। असली जवानी तब होती है जब हम सच्चाई की ओर आकर्षित होते हैं और अपने आत्म-ज्ञान को पहचानते हैं। यह अवस्था व्यक्ति को जीवन में गहराई और स्थिरता देती है, जिससे वह अपने जीवन का सच्चा आनंद ले सकता है।
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दैनिक जागरण29 जुलाई 2023
अध्यात्म बिलकुल अलग ही आयाम की बात करता है
आचार्य प्रशांत ने दैनिक जागरण के इस लेख में बताया कि अध्यात्म एक अंतिम बिंदु का नाम है, जो सामान्य जीवन से बहुत अलग है। यह आत्म-जागरण और सच्ची समझ की ओर ले जाता है। उन्होंने कहा कि शरीर और इस दुनिया में आना शुभ है, लेकिन असली शांति और खुशी अध्यात्म के माध्यम से ही प्राप्त होती है। अध्यात्म का अर्थ है, अपने सच्चे आत्म को जानना और अपने मूल उद्देश्य को समझना।