Media and Public Interaction

Here is the comprehensive list of articles published by prestigious top media houses and renowned national dailies, based on Acharya Prashant's teachings.
मन को आत्मा की ओर ले जाए सनातन धर्म
अमर उजाला
13 सितंबर 2023

मन को आत्मा की ओर ले जाए सनातन धर्म

अमर उजाला के इस लेख में आचार्य प्रशांत लिखते है सनातन धर्म का अर्थ है जो काल की सीमाओं से परे हो, जिसमें निरंतरता हो। जो धर्म समय के अनुसार बदलता रहे, वही सनातन धर्म है। यह आपको हमेशा शांति की ओर अग्रसर करता है। आज का जो व्यावहारिक धर्म है, उसमें बदलाव की आवश्यकता है ताकि सनातन धर्म की मूल भावना को बनाए रखा जा सके। यह धर्म व्यक्ति को मानसिक और आत्मिक मुक्ति की ओर ले जाता है, उसे भय, भ्रम, और अज्ञान से मुक्त करता है, और उसे सच्चे ज्ञान की ओर प्रेरित करता है।
Full Coverage

आशा कैसे बनी रहती है?
ABP Live
8 सितंबर 2023

आशा कैसे बनी रहती है?

इस ABP Live साक्षात्कार में, आचार्य प्रशांत बताते हैं कि कैसे हम जीवन के तथ्यों के बावजूद आशा लगाए रखते हैं। वे समझाते हैं कि कैसे नई संभावनाओं की उम्मीद हमें जीवनभर नचाती रहती है, जबकि हमें कम ही मिलता है, लेकिन मिलने की आशा बहुत ज्यादा बनी रहती है। आचार्य प्रशांत का यह दृष्टिकोण हमें आशा और वास्तविकता के बीच के संतुलन को समझने में मदद करता है।
Full Coverage
Read PDF

हिंदुत्व, हिंदुइज्म और सनातन क्या हैं?
ABP News
8 सितंबर 2023

हिंदुत्व, हिंदुइज्म और सनातन क्या हैं?

आचार्य प्रशांत ने ABP लाइव के इस लेख में स्पष्ट किया है कि सनातन धर्म, हिंदुत्व और हिंदू धर्म से अलग कैसे है। आचार्य प्रशांत के अनुसार, सनातन धर्म एक निरंतर और अनंत सत्य की बात करता है जो समय और परिस्थितियों से परे है, जबकि हिंदुत्व और हिंदू धर्म विभिन्न ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संदर्भों से जुड़े हुए हैं। यह लेख इन भिन्नताओं को विस्तार से समझाता है और इस मुद्दे पर उठे सवालों के जवाब प्रदान करता है।
Full Coverage
Read PDF

Sanatan Dharma is the way if the world is to be saved, rest is just cult
The Print
September 8, 2023

Sanatan Dharma is the way if the world is to be saved, rest is just cult

Acharya Prashant delves into Sanatan Dharma's timeless essence, contrasting it with modern Hinduism. He emphasizes Sanatan Dharma's focus on eternal truths and self-knowledge to free individuals from suffering. Acharya Prashant advocates for embracing these principles to foster a liberated, compassionate society.
Full Coverage
Read PDF

IIT, IIM, प्रशासकीय सेवा आचार्य प्रशांत ने क्यों छोड़ी?
ABP News
8 सितंबर 2023

IIT, IIM, प्रशासकीय सेवा आचार्य प्रशांत ने क्यों छोड़ी?

आचार्य प्रशांत ने ABP Live को दिए इंटरव्यू में अपनी IIT और IIM प्रशासनिक सेवाओं को छोड़कर आध्यात्मिकता की ओर मुड़ने के कारणों पर चर्चा की। आचार्य प्रशांत ने आत्मज्ञान के महत्व पर जोर दिया, जिससे उन्हें इस मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिली।
Full Coverage
Read PDF

आचार्य प्रशांत ने क्यों कहा व्यक्ति अस्तित्व की कोई इच्छा नहीं है
ABP News
8 सितंबर 2023

आचार्य प्रशांत ने क्यों कहा व्यक्ति अस्तित्व की कोई इच्छा नहीं है

ABP News - आचार्य प्रशांत ने अपने हालिया लाइव सत्र में एक आश्चर्यजनक बयान दिया की इंसान की अस्तित्व के प्रति कोई सच्ची इच्छा नहीं होती, , इसे केवल एक भ्रम के रूप में देखा जा सकता है। न की विचार हमें आत्मज्ञान की ओर एक नया दृष्टिकोण प्रदान करते हैं, जो न केवल सोच को चुनौती देता है बल्कि जीवन के गहरे रहस्यों को भी उजागर करता है।
Full Coverage
Read PDF

असली लव अफेयर क्या है?
Live Hindustan
8 सितंबर 2023

असली लव अफेयर क्या है?

आचार्य प्रशांत कहते हैं कि असली लव-अफेयर किसी व्यक्ति या वस्तु से नहीं, बल्कि अपने काम से होना चाहिए। वे बताते हैं कि ऐसा काम चुनें जो न करने पर बेचैनी हो, जिसमें आपका दिल और मन पूरी तरह से लगा रहे। सच्चे प्रेम का मतलब है अपने कार्य में पूरी तल्लीनता से डूब जाना। यही असली खूबसूरती और सच्चे प्रेम का स्रोत है। -हिंदुस्तान
Full Coverage
Read PDF

Who is a Sanatani?
The Times of India
September 7, 2023

Who is a Sanatani?

Times of India: How Acharya Prashant, vividly distinguishes Hinduism and Hindutva from the timeless essence of Sanatan Dharma in a compelling interview, shedding light on a widely debated topic.
Full Coverage
Read PDF

आत्मा न जन्म लेती है, न मरती है
दैनिक जागरण
7 सितंबर 2023

आत्मा न जन्म लेती है, न मरती है

दैनिक जागरण के इस लेख में आचार्य प्रशांत लिखते है आत्मा का कोई जन्म नहीं होता और न ही उसकी मृत्यु होती है। श्रीकृष्ण ने अर्जुन को यह बताया था कि सत्य न तो आता है और न ही जाता है। इस सच्चाई को समझने के लिए श्रीकृष्ण का जन्मदिन मनाना सिर्फ एक प्रतीकात्मक आयोजन है, जो हमें यह याद दिलाता है कि आत्मा अजर-अमर है। जन्माष्टमी का उत्सव हमें इस सत्य को पहचानने और आत्मज्ञान की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।
Full Coverage

छल कपट
राष्ट्रीय सहारा
7 सितंबर 2023

छल कपट

आचार्य प्रशांत राष्ट्रीय सहारा में लिखते है छल को पहचानने के लिए निष्ठुर नजर चाहिए। कपटी व्यक्ति दूसरे कपटी को नहीं पहचान सकता। छल का मतलब है पुरानी जानकारी से मेल न खाना। अगर आपका कुछ बिगड़ता है और दूसरा छल करता है, तो इसका मतलब है कि आपने अपनी शांति खो दी है। जो निर्दोष है, उसका छल कुछ नहीं बिगाड़ सकता। छल-कपट से नुकसान तब होता है जब आप भी कपटी होते हैं। यह खेल है जिसमें हार-जीत चलती रहती है। शरीर और संसार के रिश्ते बनते और टूटते रहते हैं। छल से बचने के लिए इस खेल से बाहर निकलें, फिर कोई नुकसान नहीं होगा।
Full Coverage