Here is the comprehensive list of articles published by prestigious top media houses and renowned national dailies, based on Acharya Prashant's teachings.
न्यूज़ 241 अक्तूबर 2023
एक आम आदमी जिसने अपनी कमजोरियों को जीता, फिर देश के राष्ट्रपिता कहलाए
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अमर उजाला1 अक्तूबर 2023
मत मानों उनके आदर्शों को, लेकिन उनको एक बार ठीक से पढ़ लो
अमर उजाला के इस लेख में आचार्य प्रशांत महात्मा गांधी की शिक्षा और उनके आदर्शों की आज के समय में प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हैं। वे बताते हैं कि गांधीजी के सिद्धांत और उनके द्वारा स्थापित मूल्य वर्तमान समय में क्यों और कैसे महत्वपूर्ण हैं। लेख में गांधीजी के जीवन के विभिन्न पहलुओं और उनके द्वारा दी गई सीखों को आधुनिक संदर्भ में समझाने का प्रयास किया गया है।
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राष्ट्रीय सहारा28 सितंबर 2023
उचित-अनुचित
राष्ट्रीय सहारा के इस लेख में, आचार्य प्रशांत ने सही और गलत के निर्णय लेने के महत्व पर प्रकाश डाला है। वे बताते हैं कि आत्म-जागरूकता और आत्म-चिंतन के माध्यम से सही निर्णय लेना महत्वपूर्ण है। सही निर्णय लेना एक कला है, जिसे आत्म-मूल्यांकन से सीखा जा सकता है।
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दैनिक जागरण28 सितंबर 2023
कर्म ही आपकी मनोस्थिति की गवाही है
दैनिक जागरण के इस लेख में आचार्य प्रशांत ने बताया है कि हमारे कर्म हमारी मानसिक और आध्यात्मिक स्थिति की गवाही देते हैं। वे कहते हैं कि जब हम अपने आप से दूर महसूस करते हैं, तो ध्यान और लक्ष्यों की आवश्यकता होती है। आत्मा हमेशा असंग रहता है, और इसलिए हमारे कर्म ही हमें यह बताते हैं कि हम कहां खड़े हैं। आचार्य प्रशांत ने इस बात पर जोर दिया है कि आत्मा से प्रेम और शांति पाने के लिए हमें ईमानदारी और ध्यान की आवश्यकता है। लेख में ध्यान और समर्पण के माध्यम से आत्मा से जुड़ने के मार्ग पर विस्तार से चर्चा की गई है।
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अमर उजाला27 सितंबर 2023
चैट जीपीटी क्या नहीं कर सकता?
अमर उजाला के इस लेख में, आचार्य प्रशांत ने एआई और चैट जीपीटी की सीमाओं पर चर्चा की है। वे बताते हैं कि एआई मानवीय गुणों जैसे प्रेम, करुणा और आध्यात्मिकता को नहीं समझ सकता।
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DNA हिंदी25 सितंबर 2023
महिलाओं की तकदीर संवार देगी ये चार बातें
आचार्य प्रशांत ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए DNA हिंदी के इस लेख में महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। उनके अनुसार, महिलाओं को आत्मनिर्भर और मजबूत बनने के लिए अपनी सोच और दृष्टिकोण को बदलना होगा। आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान को बढ़ावा देने के साथ, आचार्य प्रशांत महिलाओं को अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहने की प्रेरणा देते हैं। उनकी शिक्षाएँ महिलाओं को जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए मानसिक और भावनात्मक रूप से सशक्त बनाती हैं।
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राष्ट्रीय सहारा21 सितंबर 2023
मन सही लक्ष्य से भटक क्यों जाता है?
आचार्य प्रशांत बताते हैं कि हम जन्म से ही दुख में जीते हैं और इसका सही ज्ञान नहीं होता। वे कहते हैं कि अपने दर्द को समझना ही सही मार्ग दिखा सकता है। इस लेख में आत्मज्ञान, संवेदनशीलता, और मन की स्थिरता पर जोर दिया गया है। राष्ट्रीय सहारा के इस लेख में, यह बताया गया है कि अगर हम अपनी स्थिति का सटीक संज्ञान लें तो हमारी भटकन समाप्त हो सकती है।
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अमर उजाला20 सितंबर 2023
जब आलस्य के कारण कुछ करने का मन न हो
अमर उजाला के इस लेख में आचार्य प्रशांत आलस्य के कारण मन में उत्पन्न होने वाली उदासीनता और निराशा के बारे में बताते हैं। वे इस बात पर जोर देते हैं कि धन के अभाव में व्यक्ति अपनी आवश्यकताओं के लिए दूसरों पर निर्भर हो जाता है, जिससे गुलामी की स्थिति उत्पन्न होती है। आचार्य प्रशांत यह समझाते हैं कि आलस्य से निकलने का एकमात्र उपाय आत्मानुशासन और आत्मसाक्षात्कार है।
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दैनिक जागरण14 सितंबर 2023
क्या आज हिंदी की दुर्दशा के लिए हम भी जिम्मेदार नहीं है?
दैनिक जागरण के इस लेख में, आचार्य प्रशांत ने हिन्दी भाषा की गिरावट पर चर्चा की है। जापान और जर्मनी की तरह भारत में भी मातृभाषा के प्रति गर्व क्यों नहीं है, इस पर सवाल उठाया गया है। हिन्दी की उपेक्षा और अंग्रेजी के प्रभाव को मुख्य कारण बताया गया है। लेख में, हिन्दी के महत्व और उसकी समृद्धि के लिए जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
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राष्ट्रीय सहारा14 सितंबर 2023
सनातन धर्म
राष्ट्रीय सहारा के इस लेख में आचार्य प्रशांत लिखते है धर्म का अर्थ होता है, जो धारण करने योग्य है, और वो कर्म जो करने योग्य हैं, तो धर्म ऊपर से एक कर्तव्य या जिम्मेदारी है। जो भी समय के अनुसार बदलते रहते हैं, वो संनातन धर्म हुआ - वो जिम्मेदारी जो आपको सदैव पूरी करनी है। हर व्यक्ति का धर्म है कि वह अपने मानसिक मुक्ति की तरफ अग्रसर हो। धर्म वह है जो आपको डर, भ्रम, लालच, अज्ञान से मुक्त करता है। सनातन धर्म का अर्थ है आत्मज्ञान और आत्मदर्शन, जिससे व्यक्ति स्वयं को पहचान सके और अपनी सच्ची स्वतंत्रता की दिशा में अग्रसर हो सके।