मैं अच्छा काम करना चाहता हूँ मगर संसार सताता है।
अच्छा काम तो है पर मेरी भी तो अपनी पसंद नापसंद है।
दूसरे मेरे काम को रोकते हैं, मैं कर नहीं पाता।
इस दुनिया का तो कुछ नहीं हो सकता, यह तो ऐसे ही है।
क्या यह आवाजें आपके अंदर से भी आती हैं? क्या आपने ऐसा औरों को बोलते हुए सुना है?
देखिए, आनंद भी तो कीमत मांगता है न। मगर वह इतना महंगा भी नहीं है कि आप उसके साथ न चल सकें। मदद मिलती है, सहारे आते हैं, चमत्कार होते हैं, थोड़ा भरोसा तो रखिए। और नहीं होंगे चमत्कार तो अधिक-से-अधिक क्या होगा? मर ही तो जाएंगे! मर तो वैसे भी रहे थे वहाँ। आप बहुत ज़्यादा नहीं कर सकते पर जितना कर सकते हैं उतनी तो हिम्मत दिखाओ न! होगा जो होगा, देखा जाएगा। जो भी होगा, अभी जो हालत है, उससे बेहतर होगा।’
यह कोर्स उनके लिए जो हिम्मत तो रखते हैं बस अपना स्वभाव भूले बैठे हैं। हिम्मत दिखाएं और सही चुनाव करें।
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