Combo books @99/book! 60+ combos available. FREE DELIVERY! 😎🔥
AP Books

योगवासिष्ठ सार

युवा राम व गुरु वसिष्ठ संग संवाद

book
Already have eBook?
Login
eBook
Available Instantly
Suggested Contribution
₹51
₹250
Paperback
In Stock
63% Off
₹199
₹550
Now you can read eBook on our mobile app for the best reading experience View App
Quantity:
1
In stock
Free Delivery

Book Details

Language
hindi
Print Length
224

Description

हमने अब तक श्रीराम को रामायण से ही जाना है, जिसमें श्रीराम को हमने एक आज्ञाकारी बेटा, एक प्रजाहितैषी राजा और एक मर्यादापुरुष की तरह जाना है।

पर क्या हमने जाना है कि श्रीराम को आध्यात्मिक शिक्षा कहाँ से मिली थी? उनको अवतार क्यों कहा जाता है? वो इतने महान क्यों थे?

जिस प्रकार कृष्ण को समझने के लिए गीता चाहिए, उसी तरह राम को पूरी तरह समझने के लिए 'योगवासिष्ठ सार' चाहिए।

रामायण से निश्चित रूप से हमें भगवान राम के जीवन को जानने का मौक़ा मिलता है पर श्रीराम से जुड़ी जो मूल आध्यात्मिक शिक्षा है, वह 'योगवासिष्ठ सार' के माध्यम से हम तक पहुँचती है।

जिस प्रकार युवा सिद्धार्थ के मन में जीवन और संसार के प्रति गहन प्रश्न और वैराग्य का भाव उठा था, उसी तरह श्रीराम भी अपनी युवावस्था में व्याकुल और बेचैन हुए थे। उनके मन में भी जीवन के प्रति गहन जिज्ञासा उठी थी।

'योगवासिष्ठ सार' युवा राम और उनके गुरु महर्षि वसिष्ठ के संवाद का संग्रह है। यह ग्रन्थ बताता है कि एक युवक राजकुमार मर्यादापुरुषोत्तम राम कैसे बने।

प्रस्तुत पुस्तक में आचार्य जी ने महर्षि वसिष्ठ की शिक्षाओं और उनके दर्शन की सरल व्याख्या की है।

'योगवासिष्ठ सार' को समझे बिना आपका राम के प्रति प्रेम अधूरा ही रहेगा। यदि आप वाक़ई जानना चाहते हैं कि राम का नाम इतना ऊँचा और इतना पवित्र क्यों है, और उनकी महानता किसमें है, तो यह पुस्तक ज़रूर पढ़ें।

Index

1. आत्मज्ञान और कर्म 2. प्रयत्न करने का अर्थ क्या? 3. पूर्व के अशुभ कर्मों को शांत कैसे करें? 4. सत्य का अनुभव कैसे हो? 5. वैराग्य संसार से नहीं, अपनी हरकतों से होता है 6. सही वासना कैसी?
View all chapters
Have you benefited from Acharya Prashant's teachings?
Only through your contribution will this mission move forward.
Donate to spread the light