युवा, विशेष रूप से भारत में, परिवार, समाज, शिक्षा और मीडिया, कैरियर की चुनौतियों, भौतिकता, प्रेम और रिश्तों के बारे में दुविधाओं और जीवन के अर्थ और उद्देश्य के बारे में गहरे अस्तित्व संबंधी सवालों से अर्जित कंडीशनिंग से आने वाली बहु-दिशात्मक चुनौतियों का सामना करते हैं। वे नाजुक स्थिति में हैं, जहाँ उपेष्टतम निर्णय लेने और जीवन को अस्वस्थ मोड़ देने की संभावना काफी अधिक है। आचार्य प्रशांत युवाओं की ऊर्जा और संघर्ष को संबोधित करने में अद्वितीय रहे हैं। ऐसे बहुत से लोग हैं जो निर्णय लेने के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर आजीवन स्पष्टता प्राप्त करने के लिए उनके ऋणी बने रहते हैं। यह पुस्तक उसी दिशा में एक प्रयास है।
Index
1. विचलित क्यों हो जाता हूँ?2. ध्यान क्यों टूट जाता है?3. मैं किसी भी नियम पर चल क्यों नहीं पाता?4. जो जानता हूँ उस पर अमल क्यों नहीं कर पाता?5. एकाग्रता का मुद्दा6. एकाग्रता और आदतों का प्रभाव
View all chapters
विद्यार्थी जीवन, पढ़ाई, और मौज [Recommended]
कॉलेज, कैरियर, जवानी
eBook
Available Instantly
Suggested Contribution:
₹50
₹149
Paperback
In Stock
82% Off
₹99
₹550
Already have eBook?
Login
Book Details
Language
hindi
Print Length
212
Description
युवा, विशेष रूप से भारत में, परिवार, समाज, शिक्षा और मीडिया, कैरियर की चुनौतियों, भौतिकता, प्रेम और रिश्तों के बारे में दुविधाओं और जीवन के अर्थ और उद्देश्य के बारे में गहरे अस्तित्व संबंधी सवालों से अर्जित कंडीशनिंग से आने वाली बहु-दिशात्मक चुनौतियों का सामना करते हैं। वे नाजुक स्थिति में हैं, जहाँ उपेष्टतम निर्णय लेने और जीवन को अस्वस्थ मोड़ देने की संभावना काफी अधिक है। आचार्य प्रशांत युवाओं की ऊर्जा और संघर्ष को संबोधित करने में अद्वितीय रहे हैं। ऐसे बहुत से लोग हैं जो निर्णय लेने के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर आजीवन स्पष्टता प्राप्त करने के लिए उनके ऋणी बने रहते हैं। यह पुस्तक उसी दिशा में एक प्रयास है।
Index
1. विचलित क्यों हो जाता हूँ?2. ध्यान क्यों टूट जाता है?3. मैं किसी भी नियम पर चल क्यों नहीं पाता?4. जो जानता हूँ उस पर अमल क्यों नहीं कर पाता?5. एकाग्रता का मुद्दा6. एकाग्रता और आदतों का प्रभाव