Combo books @99/book! 60+ combos available. FREE DELIVERY! 😎🔥
AP Books

स्वामी विवेकानंद और व्यावहारिक वेदांत

वेदांत दर्शन

book
Already have eBook?
Login
eBook
Available Instantly
Suggested Contribution
₹21
₹230
Paperback
Out of Stock
55% Off
₹199
₹450
Now you can read eBook on our mobile app for the best reading experience View App
This book will be available soon. Please check again after a few days.

Book Details

Language
hindi
Print Length
184

Description

स्वामी विवेकानन्द के पूर्ववर्ती ज़्यादातर अद्वैतवादी दार्शनिकों ने अपने वेदान्त दर्शन में ज्ञान पक्ष को अधिक महत्व दिया है। और यह अति आवश्यक भी है। पर अपने ही ढर्रों को बचाये रखने के लिए सामान्य लोगों में यह धारणा विकसित हो गयी कि अद्वैत वेदान्त केवल गूढ़ एवं तात्विक सिद्धान्तों का पुंज है, जो साधारण मानवीय बुद्धि के लिए अत्यन्त दुरूह है और जिसका प्रत्यक्ष जीवन से कोई सम्बन्ध नहीं है। यह केवल संन्यासियों तथा चिन्तनशील दार्शनिकों के लिए उपयोगी है। गृहस्थ लोगों से इसका कोई सम्बन्ध नहीं है। यह जगत से पलायन अथवा संन्यास को बढ़ावा देता है, अतः यह निषेधात्मक एवं निराशावादी दर्शन है।

जनसामान्य में व्याप्त इस आत्मघाती धारणा के निवारण हेतु स्वामी विवेकानन्द जी ने वेदान्त की नवीन, परिष्कृत तथा आशावादी व्याख्या प्रस्तुत करने की आवश्यकता को महसूस किया। इसीलिए उन्होंने वेदान्त के आदर्शवादी पक्ष को व्यावहारिक रूप दिया तथा वेदान्त दर्शन को व्यावहारिक वेदान्त के रूप में प्रस्तुत किया।

Index

1. मंज़िल नहीं, बस अगला क़दम देखो 2. सभी चाहतों के भीतर की चाहत 3. स्वामी विवेकानंद एकाएक कामवासना से कैसे मुक्त हो गए? 4. गुरु के डंडे की ज़रूरत किसे पड़ती है? 5. रामकृष्ण तो परमभक्त थे, फिर उन्होंने विवाह क्यों किया? 6. एक अनोखी भक्ति
View all chapters
Have you benefited from Acharya Prashant's teachings?
Only through your contribution will this mission move forward.
Donate to spread the light