Acharya Prashant Books @99 [Free Delivery]
content home
Login
स्त्री [Recommended]
मुक्ति, प्रेम, बोध
Book Cover
Already have eBook?
Login
eBook
Available Instantly
Suggested Contribution:
₹11
₹300
Paperback
In Stock
82% Off
₹99
₹550
Quantity:
1
In stock
Book Details
Language
hindi
Print Length
207
Description
आज़ाद जीवन एक आज़ाद मन की अभिव्यक्ति है। यदि व्यक्ति का मन मुक्त नहीं है तो मुक्ति आंदोलन शायद ही कभी अपने उद्देश्य की पूर्ति कर पाएँगे। ऐसा ही एक आंदोलन महिला मुक्ति आंदोलन है जिसका उद्देश्य महिलाओं को राजनीतिक और सामाजिक समानता देना है, लेकिन वो भी उन मूल कारणों को संबोधित करने में असफल रहा है जो स्त्री मन की दासता का कारण बने। स्त्री का वस्तुकरण होना ही उसकी दासता का प्रमुख कारण है। इस दासता से मुक्ति तभी सम्भव है जब स्त्री खुद को वस्तुमात्र ना समझे। दुनिया स्त्री का शोषण करती है उसे एक भौतिक वस्तु जानकर और स्त्री वो शोषण सहती है क्योंकि देह से उसने अपना तादात्म्य बैठा लिया है। इस अति महत्वपूर्ण पुस्तक में आचार्य प्रशांत ने करुणापूर्वक शरीर का सही स्थान बताया, उसके आग्रहों का सुझाव दिया, और स्त्री के मन की मुक्ति के मार्ग पर प्रकाश डाला है। उनके शब्दों में: "स्त्री जब अपना स्त्रीत्व (प्राकृतिक वृत्तियाँ) छोड़ देती है तो वासना की वस्तु न रह कर एक पूज्यनीय देवी बन जाती है।"
Index
1. स्त्री का विकास, परंपरा, और आधुनिकता 2. स्त्री का विकास, परंपरा, और आधुनिकता 3. स्त्रियों के लिए कमाना ज़रूरी क्यों? 4. स्त्रियों के लिए कमाना ज़रूरी क्यों? 5. लड़की होने का तनाव और बंदिशें 6. लड़का-लड़की के खेल में जवानी की बर्बादी
View all chapters