सम्बन्ध [नया संस्करण]

सम्बन्ध [नया संस्करण]

और क्या है जीवन?
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hindi Language
190 Print Length
Description
जीवित होना माने सम्बन्धित होना। जीव के रूप में एक अपूर्णता जन्म लेती है और उस अधूरेपन को भरने के लिए हम अलग-अलग चीज़ों और व्यक्तियों से जुड़ते हैं। हम सबके जीवन में कुछ चीज़ें और लोग मौजूद होते हैं, पर एक स्वस्थ सम्बन्ध कैसा होता है, इसके बारे में हम शायद ही कभी विचार करते हैं।

कौनसे विषय हमारे मन पर छाए रहते हैं, हम काम क्या करते हैं, किन लोगों से मिलते-जुलते हैं, और हमारा ख़ुद से क्या रिश्ता है, इन्हीं सबका नाम जीवन है पर हम यह नहीं देखते कि हमारे रिश्तों में सार्थकता कितनी है।

दो तरह के सम्बन्ध सम्भव हैं — एक वो जो भोग के लिए किया जाता है और दूसरा वो जो प्रेम की अभिव्यक्ति होता है, जो हमारे बंधनों को काटने में सहायक हो।

प्रस्तुत पुस्तक में आचार्य प्रशांत ने विस्तार से समझाया है कि हम किस प्रकार सम्बन्धित होते हैं, स्वस्थ सम्बन्ध की बुनियाद क्या होनी चाहिए और किस प्रकार हम हिंसा और स्वार्थपूर्ण रिश्तों से उठकर प्रेम और करुणा के आधार पर सम्बन्ध बना सकते हैं।
Index
CH1
सम्बन्ध क्या हैं?
CH2
नौकरी और रिश्ते
CH3
सम्बन्धों की जकड़ में चेतना
CH4
सम्बन्धों के पीछे की प्रकृति
CH5
किससे रिश्ता बनाना उचित है?
CH6
प्रेम बेहोशी का सम्बन्ध नहीं
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