सफलता

सफलता

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hindi Language
190 Print Length
Description
सफल होने की चाहत के पीछे, सबसे पहले, तुम्हारे मन में ये भाव बैठा होना चाहिए कि मैं अभी असफल हूँ। तुम्हारे मन में ये भाव तुम्हारे मालिक बैठाते हैं।

और कौन है तुम्हारा मालिक? हर वो व्यक्ति तुम्हारा मालिक है जिसने तुम्हारे मन में ये बात भर दी है कि तुम ‘हीन’ हो। जिन-जिन स्रोतों से तुम्हें ये संदेश आता हो, वही वो स्रोत हैं जो तुम्हें ग़ुलाम रखने में उत्सुक हैं, उनसे बचो। जो भी करो, मौज में करो।

तुम सफल हो नहीं सकते क्योंकि तुम सफल हो ही।

जानिए एक सच्चे और सफल जीवन के सूत्र आचार्य प्रशांत के साथ।
Index
CH1
क्या सफलता पाने के लिए कठिन परिश्रम ज़रूरी है?
CH2
कैरियर बनाने को ही पैदा हुए हो?
CH3
ऐसे चुनोगे तुम कैरियर?
CH4
सफलता का राज़
CH5
जब आलस के कारण कुछ करने का मन न हो
CH6
अपनी योग्यता जाननी हो तो अपनी हस्ती की परीक्षा लो
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