AP Books
badge
पुनर्जन्म

पुनर्जन्म

जो है वो जाता नहीं, जो गया वो वापस आता नहीं
eBook
Available Instantly
Suggested Contribution
₹21
₹300
Paperback
In Stock
47% Off
₹159
₹300
Already have eBook?
Login

Book Details

Language
hindi
Print Length
220

Description

पुनर्जन्म का विषय आत्मा, जीवात्मा, कर्म, कर्मफल, जातिप्रथा आदि से संवेदनशील रूप से जुड़ा हुआ है। पुनर्जन्म को लेकर समाज में बड़ी भ्रान्तियाँ रही हैं जिनके कारण भारत की चेतना का बड़ा पतन हुआ है।

आचार्य प्रशांत पुनर्जन्म के विषय का शुद्ध वैदिक अर्थ करते हैं। सामाजिक रूढ़ियों की अपेक्षा वे उपनिषदों के सिद्धान्तों को मान्यता देते हैं। इस कारण सामाजिक रूढ़ियों पर चोट पड़ती है, और जो लोग सत्य से अधिक अपनी मान्यताओं को मूल्य देते हैं, वो बुरा भी मान जाते हैं।

हाल ही में एक समाचारपत्र ने आचार्य प्रशांत पर लिखा : ऐसा कैसे हो सकता है कि इतने लम्बे समय तक हमारा समाज पुनर्जन्म के सिद्धान्त का ग़लत अर्थ करता रहा? इतना ही नहीं, क्या वे विद्वान इत्यादि भी ग़लत हैं जिन्होंने पुनर्जन्म के सामान्य प्रचलित अर्थ का प्रचार किया?

आचार्य जी के विकीपीडिया पेज पर भी पुनर्जन्म के विषय पर 'आलोचना' खंड में चर्चा है। बहुत सारी जिज्ञासाएँ हमारे पास इसी विषय पर आती रहती हैं।

ऐसी सब जिज्ञासाओं को शान्त करने व पुनर्जन्म आदि के बारे में उपनिषदों के मत को पूरी तरह स्पष्ट करने हेतु पुस्तक 'पुनर्जन्म' आप तक लायी जा रही है।

आचार्य जी का मानना है कि समाज में पुनर्जन्म को लेकर जो मान्यता है वह उपनिषदों व श्रीमद्भगवद्गीता की मूल शिक्षा से मेल नहीं खाती। और हमारी भ्रान्त सामाजिक मान्यता ने भारत का आध्यात्मिक, सामाजिक व राजनैतिक रूप से बड़ा नुक़सान किया है। आवश्यक है कि पुनर्जन्म के विषय को वेदान्त के प्रकाश में श्रुतिसम्मत तरीक़े से समझा जाए।

आपके हाथों में यह अति महत्वपूर्ण पुस्तक देते हुए हम प्रसन्न भी हैं, और प्रार्थी भी। प्रसन्नता कि वेदान्त के मर्म की शुद्ध प्रस्तुति आप तक पहुँच रही है, और प्रार्थना कि आप परम्पराओं और रूढ़ि की अपेक्षा सत्य को सम्मान दें।

पुस्तक अब आपकी है।

Index

1. कर्मफल और पुनर्जन्म: क्या कहता है वेदान्त 2. मरने के बाद हम कहाँ जाते हैं? हमारा क्या होता है? 3. पुनर्जन्म किसका होता है, और कहाँ? 4. क्या पूर्वजन्म के कर्मों का फल इस जन्म में मिलता है? 5. क्यों कहते हैं कि व्यक्ति अपने पूर्वजन्मों का फल भोगता है? 6. क्या अपने पिछले जन्म को जाना जा सकता है?
View all chapters
Buy new:
₹159
47% Off
₹300
In Stock
Free Delivery
Quantity:
1
Share this Book
Have you benefited from Acharya Prashant's teachings?
Only through your contribution will this mission move forward.
Donate to spread the light