लिखनी है नई कहानी?

लिखनी है नई कहानी?

एक नए जीवन की ओर
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hindi Language
146 Print Length
Description
जीवनपर्यंत मन किसी नये की तलाश में रहता है। उस तलाश को वो अक्सर ही किसी नये अनुभव, घर, गाड़ी इत्यादि से पूरी करने की अभिलाषा करता है।

नये की तलाश मन को अक्सर ही एक आशा में बाँध देती है कि यदि बाहर की स्थितियाँ बदल जाएँ तो भीतर की बेचैनी भी मिट जाएगी।

आचार्य प्रशांत छात्रों के साथ हुए संवादों के माध्यम से समझाते हैं कि मन की बेचैनी और ऊब बाहरी बदलावों से नहीं बल्कि भीतर से आत्मस्थ होकर जाती हैं

आत्मस्थ होना ही एक नये जीवन, एक नयी कहानी की नींव है।
Index
CH1
मन ग़लत दिशा में क्यों भागता है?
CH2
अभिभावकों से स्वस्थ सम्बन्ध
CH3
करने से पहले सोचना आवश्यक है क्या?
CH4
मन प्रशिक्षण के अनुरूप ही विषय चुनेगा
CH5
मैं किसी भी नियम पर चल क्यों नहीं पाता?
CH6
दूसरों के सम्मान से पहले अपना सम्मान
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