CH1
कृष्ण द्वारा अर्जुन को कर्मयोग की शिक्षा (श्लोक 3.1-3.7)
CH2
बड़ा मुश्किल है कृष्ण से प्रेम कर पाना
CH3
यदि ज्ञान ही श्रेष्ठ है तो कर्म की क्या आवश्यकता?
CH4
यज्ञ क्या है? हम अपने जीवन को ही यज्ञ कैसे बना सकते हैं? (श्लोक 3.9)
CH5
निष्काम कर्म का महत्व (श्लोक 3.11-3.12)
CH6
बिना फल की इच्छा के कर्म क्यों करें? (श्लोक 3.10)