Combo books @99/book! 60+ combos available. FREE DELIVERY! 😎🔥
कामवासना - शर्म, डर, अज्ञान + काम से राम तक

कामवासना - शर्म, डर, अज्ञान + काम से राम तक

दो पुस्तकों का कॉम्बो
Paperback
Out of Stock
Already have eBook?
Login

Description

षडरिपुओं में अर्थात मनुष्य के छः विकारों में कामवासना सबसे अधिक आकर्षक और साथ-ही-साथ सबसे अधिक खतरनाक होती है। हमारे जीवन के बहुमूल्य समय और ऊर्जा का एक बड़ा भाग यह खा जाती है और बदले में विषाद और पछतावे के अलावा कुछ नहीं देती। आज सस्ते इंटरनेट की वजह से अश्लील वीडियो और साइट्स की पहुँच छोटे बच्चों तक हो गई है। यह प्रत्येक किशोर और युवामन को और अशांत और कमज़ोर कर रही है। कामवासना का आकर्षण काफ़ी शक्तिशाली होता है, इसे मात्र संयम और नैतिकता के बल पर नहीं जीता जा सकता, बल्कि इसके प्रति एक गहरी समझ विकसित करना ही इसका स्थायी इलाज है। जैसे शरीर को भूख लगती है वैसे ही शरीर कामुक हो जाता है, पर कामवासना हमारे लिए बहुत विशेष बन चुकी है, हमें लगता है वह हमें गहरी शांति दे जाएगी। आचार्य प्रशांत की ये दोनों पुस्तकें कामवासना का गहरा विश्लेषण करती हैं और बताती हैं कि क्यों हम इस क्षणिक उत्तेजना के लिए पागल रहते हैं। ये पुस्तकें आपको बताएँगी कि कामवासना से भी अधिक महत्वपूर्ण और आनंदप्रद कुछ होता है जीवन में और उस ओर हम कैसे बढ़ें। इस पुस्तक के पठन के पश्चात आपके मन और जीवन को एक ऊँचाई तो मिलेगी ही, साथ-ही-साथ आपका काम भी स्वस्थ और सुंदर हो जाएगा।
This book will be available soon. Please check again after a few days.
Share this Book
Have you benefited from Acharya Prashant's teachings?
Only through your contribution will this mission move forward.
Donate to spread the light