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Description
यदि हम ईमानदारी से अपने जीवन के लक्ष्यों की जाँच-पड़ताल करें तो केंद्र में एक ही चीज़ मिलेगी — भोग और सिर्फ़ भोग। मोटिवेशनल गुरु भी हमें इसी बात की ही प्रेरणा दे रहे हैं। यह नकली मोटिवेशन है क्योंकि इससे वह नहीं मिलेगा जो हमारी वास्तविक चाहत है। इस कृत्रिम उपभोक्तावाद से केवल निराशा और डिप्रेशन ही मिलता है। हमारी सम्भावनाएँ अपार हैं, पर हम इनसे अनभिज्ञ रह अपने जीवन को यूँ ही व्यतीत कर देते हैं। हमें ऐसा मोटिवेशन चाहिए जो हमें 'आँखें' दे सके, जिससे हम देख सकें कि सही और गलत क्या है, और फिर स्वयं अपने लिए उचित कर्म का चुनाव कर सकें। आपका 'हीरा जनम' 'कौड़ी' में न बदल जाए, इस उद्देश्य से आपकी संस्था दो पुस्तकों का एक साथ उपलब्ध करवा रही है — 'हीरा जन्म अमोल है' और 'मोटिवेशन दिल से!' कृपया इन पुस्तकों का भरपूर लाभ लें और जीवन सार्थक करें।
यदि हम ईमानदारी से अपने जीवन के लक्ष्यों की जाँच-पड़ताल करें तो केंद्र में एक ही चीज़ मिलेगी — भोग और सिर्फ़ भोग। मोटिवेशनल गुरु भी हमें इसी बात की ही प्रेरणा दे रहे हैं। यह नकली मोटिवेशन है क्योंकि इससे वह नहीं मिलेगा जो हमारी वास्तविक चाहत है। इस कृत्रिम उपभोक्तावाद से केवल निराशा और डिप्रेशन ही मिलता है। हमारी सम्भावनाएँ अपार हैं, पर हम इनसे अनभिज्ञ रह अपने जीवन को यूँ ही व्यतीत कर देते हैं। हमें ऐसा मोटिवेशन चाहिए जो हमें 'आँखें' दे सके, जिससे हम देख सकें कि सही और गलत क्या है, और फिर स्वयं अपने लिए उचित कर्म का चुनाव कर सकें। आपका 'हीरा जनम' 'कौड़ी' में न बदल जाए, इस उद्देश्य से आपकी संस्था दो पुस्तकों का एक साथ उपलब्ध करवा रही है — 'हीरा जन्म अमोल है' और 'मोटिवेशन दिल से!' कृपया इन पुस्तकों का भरपूर लाभ लें और जीवन सार्थक करें।