Combo books @99/book! 60+ combos available. FREE DELIVERY! 😎🔥
AP Books

गुरु बेचारा क्या करे

शिष्यत्व, समर्पण, बोध

book
Already have eBook?
Login
eBook
Available Instantly
Suggested Contribution
₹21
₹150
Paperback
In Stock
43% Off
₹199
₹350
Now you can read eBook on our mobile app for the best reading experience View App
Quantity:
1
In stock
Free Delivery

Book Details

Language
hindi
Print Length
70

Description

शुद्धतम रूप से गुरु बोध मात्र है।
आत्मज्ञान, आत्मविचार ही आत्मबोध बन सकता है।

आत्मविचार में जब तुम अपनेआप को देखते हो, तभी सम्भव होता है गुरु का तुम्हारे लिए कुछ कर पाना।
जो स्वयं को देखने को राज़ी नहीं, गुरु उसके लिए कुछ नहीं कर पाएगा।

गुरु ही प्रेरणा देता है आत्मविचार की, और आत्मविचार का आख़िरी फल होता है आत्मबोध–यानि गुरु की प्राप्ति।

गुरु से ही आदि, गुरु पर ही अन्त; गुरु ही है आत्मा अनन्त।

Index

1. जीवित गुरु ख़तरनाक क्यों? 2. दुनिया में इतने कम कबीर क्यों? 3. गुरु की पहचान क्या? 4. गुरु वो जो तुम्हें घर भेज दे 5. गुरु तुम्हें वो याद दिलाता है जो तुम जानते ही हो 6. गुरु तुम्हारी बीमारी के कारणों का कारण जाने
View all chapters
Have you benefited from Acharya Prashant's teachings?
Only through your contribution will this mission move forward.
Donate to spread the light