Acharya Prashant Books @99 [Free Delivery]
content home
Login
गृहस्थ जीवन
गृहस्थ जीवन
Book Cover
Already have eBook?
Login
eBook
Available Instantly
Suggested Contribution:
₹50
₹0
Paperback
In Stock
76% Off
₹129
₹550
Quantity:
1
In stock
Book Details
Language
hindi
Print Length
224
Description
आमतौर पर जनमानस में यह प्रचलित है कि अध्यात्म गृहस्थ जीवन के लिए नहीं है। हम मानते हैं कि यह बस कुछ गिने-चुने लोगों के लिए उपयोगी होता है जो संसार से कहीं दूर जाकर साधना करते हैं, या फिर ध्यान और भक्ति केवल वृद्ध होने के बाद ही किए जा सकते हैं। पर जिनकी भी ऐसी मान्यता है उन्होंने अभी जाना ही नहीं है कि वास्तव में अध्यात्म है क्या। आध्यात्मिक होने का अर्थ होता है एक सही जीवन व्यतीत करना। अध्यात्म हमें वो रोशनी प्रदान करता है जिससे हम ख़ुद को और संसार को साफ़-साफ़ देख पाएँ। जीवन का अर्थ है प्रति पल एक नया चुनाव। अब चाहे वो हमारे रोज़मर्रा के चुनाव हों, या ज़िन्दगी के महत्वपूर्ण निर्णय जैसे कि पढ़ाई, शादी, काम, संतानोपत्ति आदि, इसी से हमारे जीवन की दिशा तय हो जाती है कि हम कोई भी चुनाव होश में कर रहे हैं या बेहोशी में। और हम सही निर्णय ले पाएँ, इसके लिए ज़रूरी है कि पहले हम ये जानें कि हम वास्तव हैं कौन और हमें चाहिए क्या। इसी से यह सिद्ध हो जाता है कि आध्यात्मिक हुए बिना समझदारी से प्रेरित जीवन जीना असंभव है। प्रस्तुत पुस्तक में आचार्य प्रशांत हमें इस बात का महत्व समझाते हैं कि हम ज़िन्दगी के किसी भी पड़ाव पर हों, ऋषियों की सीख और संतों की वाणी हमें प्रेमपूर्ण सम्बन्ध बनाने और हमारी असली ज़िम्मेदारियों को पूरा करने में हमारा मार्गदर्शन करती हैं।
Index
1. सच्चा जीवन जीना है तो रिश्ते कैसे रखें? 2. जब परिवार अध्यात्म की राह का विरोध करे 3. सत्य की चाह, और परिवार का विरोध 4. वो पहला प्यार, जो कभी हुआ ही नहीं 5. पत्नी के ताने और गुरु का ज्ञान 6. सच्चा प्रेम कैसा?
View all chapters