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भारत
अध्यात्म, दर्शन, राष्ट्र
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Book Details
Language
hindi
Print Length
248
Description
भारत को महान अगर कहने में रुचि रखते हो तो ख़ुद महान बनो, तुमसे ही है भारत की महानता। भारतीय अगर महान नहीं तो भारत महान कैसे हो सकता है? बहुत महान लोग हुए हैं इस धरती पर। धर्म का पालना रहा है भारत, और विज्ञान का, और गणित का, और संगीत का भी पालना रहा है भारत―इसलिए भारत महान था। उन लोगों की बदौलत भारत महान था। आज भी वैसे लोग चाहिए। वैसे लोग होंगे तो भारत महान होगा, नहीं तो नहीं होगा। फिर ये तो कह लोगे कि इतिहास में पहले भारत महान था लेकिन ये नहीं कह पाओगे कि भारत आज भी महान है। आज भारत को महान बनाना है तो अपने भीतर लोहा पैदा करो और सच की तरफ निष्ठा पैदा करो।
Index
1. भारत क्या है? भारतीय कौन? 2. राष्ट्रवाद: वेदांत के प्रकाश में 3. राष्ट्रवाद: वेदांत के ज्ञान से सेना के सम्मान तक 4. क्या राष्ट्रवाद हिंसक है, और सेना हिंसा का माध्यम? 5. कुछ लोग राष्ट्रवाद को बुरा क्यों मानते हैं? 6. 1947 के बाद की एक बड़ी भूल
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