भागे भला न होएगा (Bhaage Bhala Na Hoega) [Important Read]
संत कबीर के दोहों पर
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Paperback Details
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Description
कबीर साहब जब ज्ञान बताते हैं तो अद्वैत के सबसे बड़े विद्वान हैं और जब वे राम गाते हैं तो सबसे बड़े भक्त हैं। उनकी बातों में बोध की गहराई भी है और साथ ही साथ एक मस्ती, एक दीवानगी भी है।
कबीर साहब को जटिलता ज़रा भी रास नहीं आती। जो बात जैसी देखते हैं वैसी ही कह देते हैं।
वेदान्त के कठिनतम सूत्र, जिनके विषय में बड़े ज्ञानी भी अबूझ मालूम पड़ते हैं, उन्हें कबीर साहब ने सरल साखियों में गा दिया है।
उनकी साखियाँ हैं तो जमीन की भाषा में, पर एक-एक साखी में आकाश समाया हुआ है। उनका मात्र शाब्दिक अर्थ नहीं किया जा सकता।
आचार्य प्रशांत ने इस पुस्तक में कबीर साहब के साखियों में छुपे आत्मिक अर्थों को उद्घाटित किया है