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वेदांत के राम [नवीन प्रकाशन]

वेदांत के राम [नवीन प्रकाशन]

राम निरंजन न्यारा रे
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Book Details

Language
hindi

Description

मुक्तिका उपनिषद् में हनुमान जी श्रीराम से पूछते हैं 'आपका वास्तविक स्वरूप क्या है?' तब श्रीराम उत्तर देते हैं, 'मैं वेदान्त में वास करता हूँ। संतों ने हमें बताया है कि चार राम हैं —
एक राम दशरथ का बेटा, एक राम घट घट में बैठा।
एक राम का सकल पसारा, एक राम त्रिभुवन से न्यारा॥
ज़्यादातर लोग पहले राम, दो देहधारी राम हैं, उनसे आगे निकल ही नहीं पाते। आचार्य प्रशांत इस पुस्तक के माध्यम से हमें वास्तविक राम से परिचित करवा रहे हैं जो इस संसार से न्यारे हैं।

Index

1. जो लोग प्राण प्रतिष्ठा में नहीं पहुँचे, वो दुखी न हों 2. लोगन राम खिलौना जाना
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