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10 सूत्र बच्चों की परवरिश के [नवीन प्रकाशन]

बच्चों की परवरिश

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Book Details

Language
hindi
Print Length
222

Description

हमारे जीवन की दिशा तय करने में हमारी परवरिश की अहम भूमिका होती है। शिक्षा से लेकर खान-पान तक, पहनावे से लेकर सम्बन्धों तक, यहाँ तक कि संसार के प्रति हमारा दृष्टिकोण क्या होगा, यह बहुत हद तक इसी बात से प्रभावित होता है कि हम कैसे माहौल में पले-बढ़े हैं।

आमतौर पर यह माना जाता है कि अच्छी परवरिश का अर्थ है बच्चे को 'अच्छे संस्कार' देना। पर जैविक संस्कार तो हर बच्चा लेकर ही पैदा होता है, उसके ऊपर कुछ नैतिक सिद्धान्तों की एक और परत चढ़ा देना व्यक्ति के मन को और बाँध देता है।

हर माँ-बाप यही चाहते हैं कि उनके बच्चों का भला हो, पर वे यह भूल जाते हैं कि अपनी सन्तान में वो ऊँचे मूल्य तभी स्थापित कर पाएँगे जब पहले वे स्वयं उन मूल्यों पर चल रहे हों। आप अपने बच्चों को भी वही देंगे जैसे आप हैं।

इस पुस्तक में आचार्य प्रशांत ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि बच्चे हमारे शब्दों से ज़्यादा हमारी हस्ती से सीखते हैं। अगर हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे एक प्रेमपूर्ण, ऊँचा और मुक्त जीवन जियें, तो हमें ख़ुद उसका उदाहरण बनना होगा।

Index

1. बच्चों की परवरिश में सबसे बड़ी भूल 2. बच्चों की परवरिश में एक ज़रूरी बात 3. सही अभिभावक की पहचान 4. बच्चों की ज़िन्दगी में कितना दखल देना ठीक है? 5. माँ-बाप और बच्चों के संबंध की बात 6. सर, आपके जीवन में आपकी माता जी का क्या योगदान रहा?
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