यजुर्वेद के रूद्र अध्याय में वर्णित महामृत्युंजय मंत्र महादेव शिव की स्तुति हेतु की गयी एक वंदना है।
आमतौर पर माना जाता है कि महामृत्युंजय मंत्र को दोहराने से मृत्यु का भय दूर होता है और अन्य कई प्रकार के लाभ होते हैं। पर जब तक हम उसका अर्थ नहीं समझेंगे, तब तक उसको दोहराने भर से कोई आन्तरिक बदलाव नहीं हो सकता।
आचार्य प्रशांत इस पुस्तक में हमें महामृत्युंजय मंत्र के वेदान्तिक अर्थ से अवगत कराते हैं ताकि हम इसके मर्म को समझकर अपने जीवन में उतार सकें।