बोध कथाएँ [नवीन प्रकाशन]

बोध कथाएँ [नवीन प्रकाशन]

जागरण का सरल मार्ग
5/5
11 Ratings & 5 Reviews
Paperback Details
hindi Language
188 Print Length
Description
हम सब एक झूठी असुरक्षा के भाव में जीते हैं और उसके कारण अपने मन में बहुत सारी जटिलताएँ खड़ी करते हैं। मन की वो जटिलताएँ ही हमारे जीवन का दुख बनती हैं। ज्ञानियों की सीधी और सरल बातें हमें समझ नहीं आतीं, क्योंकि हम उन सरल बातों को भी जटिल बना देते हैं और अपने लिए मुक्ति के दरवाज़े बन्द कर लेते हैं।

फिर कोई ज्ञानी करुणावश अपनी बात को समझाने के लिए कहानियों का सहारा लेता है, क्योंकि कहानियाँ हमारी मन की जटिलता को पार कर बात को हृदय तक पहुँचाने में सफल हो जाती हैं। कहानियाँ अक्सर ऐसे परिदृश्य और चुनौतियाँ प्रस्तुत करती हैं जो वास्तविक जीवन की स्थितियों के समानान्तर होती हैं। कहानियाँ पाठक की संलग्नता को बढ़ाती हैं और इसी वजह से कहानी में छुपा सन्देश अंतरतम को स्पर्श कर जाता है।

इस पुस्तक में आचार्य प्रशांत ने ऋषियों के आर्ष वचन और बोध व मुक्ति के उच्चतम सूत्रों को अत्यन्त मनोहर कहानियों के माध्यम से हमारे समक्ष प्रस्तुत किया है। आशा है ये बोधजनित कहानियाँ आपको पसन्द आएँगी और आपके जीवन को सार्थक रूप से रूपान्तरित करने में सहायक सिद्ध होंगी।
Index
CH1
एक अनूठे युवक की अजीब कहानी (सबको समझ नहीं आएगी)
CH2
दो खिड़कियाँ, और हमारी प्रेम कहानी
CH3
एक अनूठी लड़की, एक ग़ज़ब लड़का, और एक अजीब कहानी
CH4
एक शानदार देश, उसके विचित्र लोग, उनकी सिरफिरी कहानी
CH5
आप मिल गए, अब किसी और का क्या करना!
CH6
झुन्नू, धनिया और द्वैत का खेल
Choose Format
Share this book
Have you benefited from Acharya Prashant's teachings? Only through your contribution will this mission move forward.
Reader Reviews
5/5
11 Ratings & 5 Reviews
5 stars 100%
4 stars 0%
3 stars 0%
2 stars 0%
1 stars 0%