CH1
अर्जुन की असल समस्या का उद्घाटन (अध्याय 1, सभी श्लोक)
CH2
प्रकृति, अहम् वृत्ति और आत्मा का सम्बन्ध (श्लोक 2.11-2.14)
CH3
परिवर्तनों के मध्य आत्मामुखी रहे अहम् (श्लोक 2.15-2.24)
CH4
निष्काम कर्म इतना मुश्किल क्यों? (श्लोक 2.39-2.45)
CH5
गीता में जाति-प्रथा! (श्लोक 2.46)
CH6
कर्म नहीं, कर्ता को बदलो (श्लोक 2.47)