संडे हो या मंडे... || नीम लड्डू

Acharya Prashant

2 min
50 reads
संडे हो या मंडे...  || नीम लड्डू

प्रश्नकर्ता: अंडा तो वेजिटेरियन (शाकाहारी) ही है, अंडा से तो होता है नॉन- फर्टीलाइज़्ड , चूजा तो निकलेगा नहीं।

आचार्य प्रशांत: बात ये थोड़े ही है कि वह पेड़ पर लटका मिला कि नहीं लटका मिला। यह भी तो देखो वह अंडा आया कहाँ से, मुर्गी स्वेच्छा से आकर के तुम्हारी गोद में अंडा डाल गई थी? कि, “मुर्गे के हाथ नहीं लगने दूँगी वह फर्टिलाइज़ कर देगा। साहब, आप ले लो और खा जाओ!”

“मुर्गा बड़ा लफंगा है, उसको अंडा मिला नहीं कि खट से काम कर देता है। मुर्गे को मिले अंडा इससे अच्छा है आप ऑमलेट बना लो उसका।“

यह लोग जो बातें करते हैं, इन्होंने ज़िंदगी में कभी कोई पोल्ट्री फार्म देखा है, या बस हवाई मारते रहते हैं? इन्हें पता भी है कितनी यातना, कितना दर्द, कितनी क्रूरता बर्दाश्त करती हैं मुर्गियाँ ताकि तुम्हें अंडा मिल सके? एक मादा है वह, एक मादा से उसका अंडा निकलवाया जा रहा है ज़बरदस्ती। ताकि तुम्हारे यह मुनाफ़ाखोर गा सकें कि 'संडे हो या मंडे, रोज़ खाओ अंडे’, यह बात ही अपने-आप में कितनी भद्दी नहीं है? एक मादा जानवर के स्तन पकड़ कर दोह रहे हो, एक मादा जानवर का अंडा निकलवा लिया; यह बलात्कार नहीं है?

GET UPDATES
Receive handpicked articles, quotes and videos of Acharya Prashant regularly.
OR
Subscribe
View All Articles